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विदेश मंत्रालय के शुक्रवार को "पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम" के लिए "डिजीलॉकर" मंच का उद्घाटन किया है। डिजी लॉकर प्लेटफॉर्म का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को कहा कि इससे नागरिकों को काफी मदद मिलेगी। साथ ही कहा कि अब नागिरकों को पासपोर्ट के लिए ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स को ले जाने की जरूरत नहीं होगी।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि "पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम" देश में पासपोर्ट सेवाओं के वितरण की दिशा में बहुत बड़ा परिवर्तन लाया है। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में इस क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन हुआ है। आवेदनों की मासिक जमा ने 2017 में पहली बार दस लाख का आंकड़ा पार किया है। मुझे बताया गया है कि पासपोर्ट सेवा परियोजना के माध्यम से सात करोड़ से अधिक पासपोर्ट जारी किए गए हैं।
मुरलीधरन ने कहा, "हमने नागरिकों के लिए सेवा वितरण के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, न केवल पासपोर्ट नियमों को सरल बनाने का काम किया गया है, बल्कि हमने नागरिकों के घर तक पासपोर्ट सेवा ले जाने का काम किया है। प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू करना इस दिशा में एक कदम था, उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, 426 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) चालू हो चुके हैं और कई और जल्द शुरू हो जायेंगे।
मंत्री ने कहा कि 36 पासपोर्ट कार्यालयों और 93 मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्रों में जोड़े जाने पर देश में कुल 555 पासपोर्ट कार्यालय जनता के लिए मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए और कागज रहित मोड में पासपोर्ट सेवा के अनुभव को बढ़ाने के लिए, "हमने अब सरकार के DigiLocker प्लेटफ़ॉर्म में सफलतापूर्वक एकीकृत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम नागरिकों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए ई-पासपोर्ट बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।
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