मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग छात्र निशांक राठौर की रहस्यमयी मौत की जांच को लेकर एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल एसआईटी का दावा है कि राठौर कर्ज में डूबा था, जिसके चलते उसने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया। बता दें कि 21 वर्षीय छात्र राठौर ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या ली थी। हालांकि, अपने पिता को किए उसके अंतिम मैसेज ने मामले में सस्पेंस पैदा किया। ऐसे आरोप लगे कि उसकी मौत बीजेपी की निलंबित नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी के कारण हुए विवाद से जुड़ी थी। साइबर फोरेंसिक ने मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। 

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बता दें कि एक ट्रैफिक कैमरे में 21 वर्षीय राठौर को स्कूटर पर दिखा। इसके आधे घंटे बाद ही उसके पिता के पास तीन मैसेज आए। शाम 5.44 बजे आए अंतिम मैसेज में लिखा था कि ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ भेजा था। इस संदेश से राज्य सरकार और पुलिस में हड़कंप मच गया। ऐसा ही एक मैसेज उसने अपने इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट किया था। शाम 6.10 बजे उसका शव मिला। इसके बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था, हालांकि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सबूत आत्महत्या की ओर इशारा करते हैं।

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जांच में अब पता चला है कि राठौर ने कुछ लोगों और कम से कम 18 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ऐप से कर्ज लिया था। एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा, आत्महत्या से एक दिन पहले 23 जून को उसने अपनी बहन से कॉलेज की फीस भरने के लिए 50,000 रुपये उधार लिए थे, लेकिन उसने फीस नहीं भरी। सूत्रों ने बताया कि उनके फोन में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए भी ऐप थे। जांच में पाया गया कि किसी ने भी राठौर के फोन का इस्तेमाल नहीं किया था। डिवाइस को फिंगरप्रिंट-पासवर्ड से लॉक किया गया था और मरने से ठीक पहले शाम 6.02 बजे अंतिम बार अनलॉक किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।