कोरोना महामारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने नई कूटनीतिक रणनीति अपनाने की सोची, लेकिन वह उसमें भी कामयाब नहीं हो पाया।  उसके खास दोस्त चीन और अमेरिका ने ही उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।  नई कूटनीति के तहत पाकिस्तान दुनियाभर के देशों को तोहफे में आम की अलग-अलग किस्मे भेज रहा है। 

हालांकि, खुद उसके परममित्र देश चीन और अमेरिका को पाकिस्तान की ये मैंगो डिप्लोमेसी पसंद नहीं आई और पाकिस्तान की ओर से तोहफे में भेजे गए आम वापस लौटा दिए।  

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका और चीन समेत 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को तोहफे में आम भेजे थे, लेकिन अमेरिका और चीन जैसे देशों ने अपने कोरोना वायरस क्वारंटाइन नियमों का हवाला देते हुए तोहफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। 

 

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की ओर से 32 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों को चौसा आम भेजे गए थे।  आमों की पेटी को ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, अमेरिका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस भेजा गया था।  मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की इस सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का भी नाम था, लेकिन पेरिस से पाकिस्तान के इरादे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। 

चीन और अमेरिका के अलावा कनाडा, नेपाल, मिश्र और श्रीलंका ने भी पाकिस्तान की ओर से तोहफे में भेजे गए आमों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।  इसके पीछे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू क्वारंटाइन नियम का हवाला दिया।