कोरोना वायरस नया रूप लेकर सामने आ रहा है जिसको लेकर नई टेंशन शुरू हो गई है। यूनाइटेड किंगडम और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस का नया रूप देखने को मिला है। यह नया रूप आसानी से फैलता है। विशेषज्ञों के अनुसार अभी यह साफ नहीं है कि ऐसा सच में है या नहीं। इससे वैक्‍सीन के लिए चिंता की कोई बात है या और गंभीर बीमारी फैलने का खतरा, यह भी क्लियर नहीं। जैसे-जैसे आबादी में कोई वायरस फैलता है, वह अपना रूप बदलता जाता है। कुछ ज्‍यादा तेजी से बदलते हैं, कुछ धीमे।

कोरोना वायरस देने वाले वायरस के कई रूप, चीन में सालभर पहले दिखने के बाद से सामने आ चुके हैं। शनिवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नए स्‍ट्रेन की वजह से कई पाबंदियों की घोषणा कर दी। यूरोपियन यूनियन व दुनिया के कई अन्‍य देशों ने भी संक्रमण को रोकने के लिए फ्लाइट्स या तो बंद कर दी हैं या बेहद सीमित कर दी हैं। आखिर नया स्‍ट्रेन क्‍या है, इससे क्‍या खतरे हैं और अभी क्‍या स्थिति है, आइए एक्‍सपर्ट्स से समझते हैं।

ब्रिटेन और अमेरिका के हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, नया स्‍ट्रेन बाकियों के मुकाबले जल्‍दी संक्रमित करता है लेकिन अभी इसके सबूत नहीं है कि ये ज्‍यादा घातक है। ब्रिटिश सरकार के मुख्‍य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वलांस ने कहा कि स्‍ट्रेन 'तेजी से फैलता है और प्रमुख वैरियंट बनता जा रहा है।' दिसंबर में लंदन के भीतर 60% से ज्‍यादा इंन्‍फेक्‍शंस इसी स्‍ट्रेन से फैले। चिंता की एक बड़ी वजह यह है कि इस स्‍ट्रेन के कई म्‍यूटेशंस हैं- करीब दो दर्जन की पहचान हो चुकी है। कुछ म्‍यूटेशंस तो उस स्‍पाइक प्रोटीन पर हैं जिनका इस्‍तेमाल वायरस कोशिकाओं से जुड़ने और उन्‍हें संक्रमित करने के लिए करता है। जो वैक्‍सीन बनी हैं, वे स्‍पाइक को ही निशाना बनाती हैं।