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देश में कृषि कानून को लेकर जम कर प्रदर्शन किया जा रहा है। 8 दिसबंर को तो भारत बंद कर दिया गया थ। किसानों ने और किसानों के समर्थन में देश कई किसान संगठन हैं इन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले ले वरना अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। इसी के साथ नेशनल हाइवे भी बंद कर दिए जाएंगे। इसी कड़ी में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार, कौशिक बसु ने भारत के नए कृषि बिलों पर सरकार को लताड़ लगाई है।
कौशिक बसु ने भारत के नए कृषि बिलों को 'त्रुटिपूर्ण' और 'किसानों के लिए हानिकारक' करार दिया है। भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि हमारे कृषि विनियमन में बदलाव की जरूरत है लेकिन नए कानून किसानों से ज्यादा कॉर्पोरेट हितों की सेवा करेंगे। भारत के किसानों की संवेदनशीलता और नैतिक शक्ति को सलाम। उनके ट्वीट को व्यापक प्रतिक्रियाएं मिलीं, जबकि कई सरकार के साथ खड़े थे लेकिन कई उनके विचारों का समर्थन कर रहे थे। बता दें कि दिल्ली के पास नए फार्म बिल के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है।
प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच बातचीत गतिरोध की तरह प्रतीत हो रही है क्योंकि खेत कानून विरोध प्रदर्शन के 16वें दिन में प्रवेश कर गया था। इस बीच, केंद्र ने हाल ही में संसद में पारित तीन कृषि-विपणन बिलों के सकारात्मक बिंदुओं को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियानों की योजना बनाई है। लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी किसानों दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर अपने विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक कम से कम पांच प्रदर्शनकारी किसानों की मृत्यु हो गई है।
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