चीन (China) की बढ़ती दखलंदाजी के विरोध में नेपाल (Nepal) के लोग सड़कों पर उतर गए हैं। इसके चलते उन्होंने चीनी राजदूत होउ यांकी (Hou Yanqi) की तस्वीरें जलाईं हैं। नेपाल के हिंदू नागरिक समाज ने चीन के विरोध हेतु 'राष्ट्रीय एकता अभियान' के तहत यह काम किया है। इस संगठन का कहना है कि चीन नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बढ़ा रहा है इसी के खिलाफ काठमांडू में विरोध-प्रदर्शन किया गया है।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी काठमांडू की सड़कों पर आकर प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी नारे भी लगा। उन्होंने कहा कि चीनी राजदूत (Chinese Ambassador) को नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने होउ यांकी को रासुवागढ़ी तातोपानी में अघोषित नाकाबंदी और राजनयिक सीमा पार करने की एवज में भला—बुरा कहा। नेपाल के इन प्रदर्शनकारियों के हाथ में तख्तियां थीं जिन पर चीनी राजदूत यांकी वापस जाओ जैसे नारे लिखे थे।

नेपाल के हिंदू नागरिक समाज ने जनकपुर के जनक चौक पर चीन के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया था। चीन अभी नेपाल में विवादास्पद दृष्टिकोण सहित राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दखलंदाजी बढ़ा रहा है। इसी को लेकर नेपालियों में उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है. इसी वजह से नेपाली देशभर में चीन विरोध-प्रदर्शन आयोजित करते हुए लोग सड़कों आ रहे हैं।

आपको बता दें कि नेपाल में चीन ने अपनी दखलंदाजी वाली गतिविधियों को तेज किया है। नेपाल की सरकार के कामकाज में चीनी राजदूत की दखलंदाजी कई बार देखी जा चुकी है। गौरतलब है कि होउ यांकी और पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की काफी नजदीकियां थी। ओली ने ही नेपाल में चीन को पैर जमाने में सहायता की थी। अब ज्यादातर नेपालवाशी चाहते हैं कि चीन की दखलंदाजी को सीमित किया जाए। साथ ही चीनी राजदूत को अनावश्यक रूपये हस्तक्षेप करने से रोका जाए।