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नगा विद्रोही संगठन ‘नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा)’ यानि NSCN-IM म्यांमार में बेस बनाने के लिए विकल्प तलाश रहा है। ये संगठन अन्य नगा संगठनों के साथ केंद्र सरकार से चल रही शांति वार्ता का हिस्सा रहा है। खबर है कि NSCN-IM के रुख में बदलाव की वजह शांति वार्ता में गतिरोध दूर नहीं होना हो सकता है।
हालांकि NSCN-IM शांति वार्ता में शामिल हुआ, लेकिन अलग झंडे और अलग संविधान जैसे अधिकतर विवादित मुद्दों पर अड़ा हुआ है। वहीं, केंद्र सरकार ने ये साफ कर दिया कि इन दो मांगों को नहीं माना जा सकता लेकिन NSCN-IM मानने को तैयार नहीं।
खबर है कि इस संगठन की टॉप लीडरशिप में शामिल दो नेता म्यांमार में कैंप बनाने के लिए वहां पहुंच भी चुके हैं। ताज़ा खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक NSCN-IM के 300-500 सशस्त्र सदस्य भी म्यांमार पहुंच चुके हैं। ये शेरा के सामने कोकी में डेरा डाले हुए हैं। ये सब इशारा कर रहा है कि NSCN-IM की ओर से शांति समझौते में हिस्सा बने रहने की संभावना नहीं है।
NSCN-IM के 17 सदस्य ये संगठन छोड़कर नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (NNPGs) में शामिल हो गए. ये केंद्र से बातचीत में शामिल उन संगठनों का समूह है जो नगा समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। हालांकि इस मामले पर नजर रखने वाले एक अधिकारी का कहना है कि NSCN-IM से 17 सदस्यों के जाने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इस संगठन की कुल सदस्य संख्या 4,000 के करीब है। ऐसे में यदि NSCN-IM शांति समझौते का हिस्सा नहीं होता तो 17 सदस्यों के अलग होने का घटनाक्रम मायने नहीं रखेगा।
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