नागालैण्ड के राज्यपाल पी.बी.आचार्य ने मुख्यमंत्री शुर्होजेली लिजित्सु को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए चार दिन का वक्त दिया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 15 जुलाई या उससे पहले विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर जेलियांग ने शुक्रवार को नई नगा पीपल्स फ्रंट के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैण्ड सरकार बनाने का दावा पेश किया था।


जेलियांग ने दावा किया था कि 59 सदस्यीय सदन में से उनके पास 34 एनपीएफ और 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। मुख्यमंत्री शुर्होजेली लिजित्सु के बेटे के. लिजुत्सु के इस्तीफे के बाद 60 सदस्यीय विधानसभा की संख्या 59 हो गई थी। के. लिजित्सु ने नॉर्दन अंगामी-1 विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया था, ताकि उनके पिता इस सीट के लिए 29 जुलाई को होने वाले उप चुनाव में हिस्सा ले सकें। इस बीच मुख्यमंत्री लिजित्सु ने नॉर्दन अंगामी-1 विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद लिजित्सु ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट परिवार का मसला है। वे इस समस्या का हल अपनों के बीच निकालने की कोशिश करेंगे।


शुर्होजेली लिजित्सु ने कहा, अभी यह आश्वासन देना बहुत जल्दबाजी होगी कि वह 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। साथ ही यह भरोसा भी नहीं दिया जा सकता कि काजीरंगा नेशनल पार्क में फिलहाल डेरा डाले विधायक जल्द ही उनके पाले में आएंगे या नहीं। एनपीएफ के सूत्रों का कहना है कि अगर समस्या का हल नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री की ओर से पेश किए जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में वोट करने के लिए पार्टी विधायकों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया जाएगा। राज्यपाल की तरह अब सभी की नजरें विधानसभा के अध्यक्ष पर होगी।


एनपीएफ के प्रवक्ता अचुमबेमो ककोन ने कहा कि राजनीतिक संकट एनपीएफ का आंतरिक मामला है। जब राष्ट्रपति पद के लिए दो दिन बाद चुनाव होने वाला है तब विश्वास मत हासिल करने के लिए कहना सही नहीं है। हमें उम्मीद है कि जब टेबल पर वार्ता होगी तो सौहार्दपूर्ण पैच अप हो जाएगा। हमें उम्मीद है कि विश्वास मत हासिल करने के अपने फैसले पर पुर्नविचार करेंगे। राज्यपाल ने बीती रात कहा कि नई सरकार बनाने के दावे और जेलियांग के पास बहुमत नहीं होने के दावे को सदन में साबित करना होगा। वे 17 जुलाई को नई दिल्ली से कोहिमा लौटेंगे। विश्वास मत हासिल करने के लिए दोनों खेमे पूरा जोर लगा रहे हैं। सत्तारुढ़ एनपीएफ ने 10 विधायकों को निलंबित कर दिया है। इनमें जेलियांग भी शामिल है।


पार्टी की अनुशासन समिति की रविवार को बैठक हुई थी। इसमें पार्टी अध्यक्ष को 10 विधायकों को सस्पेंड करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद 10 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। एपीएफ के 34 विधायकों ने मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष लिजित्सु के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके एक दिन बाद लिजित्सु ने 4 वरिष्ठ मंत्रियों और 10 संसदीय सचिवों को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही पार्टी ने 10 विधायकों को निलंबित कर दिया था। फरवरी में नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया था। इसको लेकर हिंसक आंदोलन हुआ था। इसके बाद जेलियांग ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पांच माह बाद जेलियांग ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है।