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म्यांमार में हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। सेना नागरिकों पर अत्याचार कर रही है जिसके कारण से म्यांमारवासी पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं। म्यांमार में हालात “सीरिया जैसा संघर्ष” जैसे हो रहे हैं। यह संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने वैश्विक शक्तियों से म्यांमार में "सीरियाई खूनी युद्ध" को दोहराने की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है।
उन्होंने म्यांमार के सैन्य तानाशाहों को अपनी खुद की नागरिक आबादी को 'कत्लेआम' से रोकने के लिए वैश्विक तात्कालिक, "निर्णायक और प्रभावशाली उपाय" करने का आग्रह किया। मिशेल बाचेलेट ने एक बयान में कहा कि राज्य के क्रूर, अपने ही लोगों के लगातार दमन ने कुछ व्यक्तियों को हथियार उठा लिया, जिसके बाद पूरे देश में एक नीचे की ओर तेजी से हिंसा फैल रही है। पिछले दस वर्षों में दिखाया गया है कि लाखों नागरिकों के लिए इसके परिणाम कितने भयावह हैं।
मिशेल बाचेलेट ने कहा कि म्यांमार में 700 से अधिक निर्दोष लोगों ने अनप्रोफेशनल’ सेना की क्रूर कार्रवाई में अपनी जान गंवा दी है देश। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, 1 फरवरी से इसके टूटने के दौरान म्यांमार की सेना द्वारा 50 बच्चों सहित 710 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा, अब तक 3080 व्यक्तियों को या तो हिरासत में लिया गया है या सजा सुनाई गई है जिसमें 32 बंधक भी शामिल हैं।
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