म्यांमार में सैन्या तख्तापलट के बाद म्यांमार नागरिक लगातार विरोध कर रहे हैं। फरवरी से विरोध कर रहे नागरिकों में से की लोगों सैन्य बल द्वारा मारे जा चुके है। बताया जा रहा है कि अब तक सैन्य बल द्वारा 550 से ज्यादा लोग मारे गए है। म्यांमार की पीएम आंग सू अभी गिरफ्त में हैं। सेना से अत्याचारों से परेशान होकर नागरिक पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं। भारत के राज्य मिजोरम में कुछ म्यांमार वासी शरण ले रहे हैं साथ ही थाईलैंड ने भी म्यांमार नागरिकों को शरण दी है।

थाईलैंड स्थित एक वकालत समूह सहायता एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) के अनुसार, तख्तापलट के बाद म्यांमार में कम से कम 550 लोग मारे गए हैं। सेना ने लोकतांत्रिक निर्वाचित सरकार को खत्म कर दिया है। म्यांमार में सैन्य तानाशाही ने संचार को नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में सभी वायरलेस इंटरनेट सेवाओं में कटौती कर दी है।

म्यांमार की सेना द्वारा दो महीने के लिए क्रूर कार्रवाई का विरोध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया है। तख्तापलट के बाद से AAPP के अनुसार, पत्रकारों, प्रदर्शनकारियों, कार्यकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों, ट्रेड यूनियनवादियों, लेखकों, छात्रों, नागरिकों और यहां तक कि बच्चों में से कम से कम 2,751 लोगों को अप्रैल तक हिरासत में रखा गया है। ईस्टर संडे के अवसर पर, म्यांमार में "ईस्टर एग स्ट्राइक" किया गया है।