
पटना। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को माना कि आपसी बयानबाजी से नुकसान तो होता ही है। इससे इंकार नहीं कर सकते। उन्होंने इसका सबसे बड़ा कारण 'कम्यूनिकेशन गैप' को बताया।
जदयू के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एनडीए की पहली शर्त नीतीश कुमार का नेतृत्व है। वे ही एनडीए के बिहार में नेता रहेंगे। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार मुख्यंत्री हैं और रहेंगे। इसमें कोई इफ-बट नहीं है।
यह भी पढ़े : IPL 2022 के अपने डेब्यू मैच में ही इस खिलाड़ी ने कर दिया कमाल , राजस्थान को दिलाई रोमांचक जीत
विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों पर हुए चुनाव में जदयू के कमजोर प्रदर्शन पर उन्होंने भी माना कि यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है यह तो सच है। लेकिन, परिणाम बुरा भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बाकी चुनाव से अलग किस्म का होता है। यहां वोटरों को लुभाने के लिए जनसमर्थन तो अपनी जगह है, लेकिन धनबल इसमें ज्यादा काम कर जाता है। कुछ जगहों पर ऐसा हुआ भी है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि परिणाम की समीक्षा की जाएगी।
कुशवाहा ने बोचहा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी बेबी कुमारी की जीत का दावा करते हुए कहा कि वहां एनडीए ठीक स्थिति में है। उन्होंने राजद के जीत के दावे पर कहा कि विपक्ष पहले भी ऐसा दावा किया है और हार हुई है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |