बैंकों और अन्य वित्तीय सेवाओं के ऐसे ग्राहक, जिन्होंने अपनी आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ डॉक्युमेंट्स (KYC Documents) को वित्तीय संस्थानों के साथ अपडेट नहीं किया है, उनके खाते नए साल में फ्रीज (Accounts frozen in the new year ) हो सकते हैं। इसकी वजह है कि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंडों का पालन नहीं करने वाले ग्राहकों के खिलाफ बैंकों द्वारा कार्रवाई पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रोक 31 दिसंबर 2021 को समाप्त हो जाएगी।

आरबीआई ने मई 2021 में सभी बैंकों को एक सर्कुलर भेजा था। सर्कुलर में आरबीआई ने कहा था, 'देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूदा कोविड से संबंधित प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, रेगुलेटेड एंटिटीज को सलाह दी जाती है कि ग्राहक खातों के संबंध में जहां केवाईसी का आवधिक अपडेशन किया जाना है और यह लंबित है, ऐसे खाते के संचालन पर केवल इसी कारण से 31 दिसंबर 2021 तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। हालांकि किसी नियामक/प्रवर्तन एजेंसी/न्यायालय के निर्देशों के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है।'

केवाईसी नॉर्म, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का हिस्सा (Anti money laundering laws) 

किसी भी समय, सैकड़ों ग्राहक ऐसे होते हैं जिनकी केवाईसी वैधता समाप्त हो जाती है। आरबीआई ने बैंकों से कहा था कि वे महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर ग्राहकों की केवाईसी पर जोर न दें, इसके लिए 31 दिसंबर 2021 तक कार्रवाई से छूट दी जाए। लेकिन अब यह डेडलाइन समाप्ति की ओर है और इसके बाद बैंक कार्रवाई के लिए आजाद हो जाएंगे। केवाईसी नॉर्म्स को अपडेट करने की आवश्यकता केवल बैंकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रत्येक रेगुलेटेड फाइनेंशियल एंटिटी के लिए है क्योंकि यह एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का हिस्सा है। इन एंटिटीज में फाइनेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड, ब्रोकिंग हाउस और डिपॉजिटरी शामिल हैं।

कितने साल बाद अपडेट करना होता है केवाईसी

बैंकरों का कहना है कि कम जोखिम वाले खातों में ग्राहकों के लिए केवाईसी को हर 10 साल में एक बार अपडेट करने की जरूरत है। हालांकि, उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत लोगों को हर दो साल में एक बार अपना खाता अपडेट करना होगा। इसके अलावा डोरमेंट और इनएक्टिव खातों को भी अनफ्रीज या रिएक्टिवेट करने के लिए नए केवाईसी अपडेट की आवश्यकता होती है। 

वैसे तो अधिकांश ग्राहकों के लिए 10 वर्षों में केवल (Bankers say KYC needs to be updated once every 10 years एक बार केवाईसी अपडेट करने की जरूरत होती है, लेकिन बैंकरों का कहना है कि लगातार अपडेट की अधिक संख्या जरूरी है। इसकी वजह है कि कुछ मामलों में प्रस्तुत किए गए दस्तावेज, आधिकारिक वैध दस्तावेजों की सूची का हिस्सा हमेशा रहें, ऐसा नहीं है। साथ ही, जहां ग्राहकों ने खाता बदल दिया है और बैंक को कम्युनिकेशन वापस आ गया है, केवाईसी नए सिरे से करना होगा।