बिहार में भक्तों पर लाठीचार्ज भारी पड़ गया है क्योंकि गुस्साई भीड़ ने पुलिस चौकी और एसपी ऑफिस पर हमला कर दिया। मुंगेर में सोमवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी। बुधवार को इसका एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें पुलिस लोगों को बेरहमी से पीटती नजर आ रही थी। इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है।

मुंगेर में बुधवार को वोटिंग थी इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी, लेकिन गुरुवार को सुरक्षा बलों के जाते ही लोग जमा होने लगे। एसपी आफिस के पास करीब 25-30 हजार लोग जमा हो गए। पुलिस ने बल प्रयोग करने की तैयारी की तो लोगों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने एसपी ऑफिस पर पथराव कर दिया। एक वाहन के शीशे तोड़ दिए। सराय मांडी में सड़क पर आगजनी की गई। वहां तोड़फोड़ की गई। खबर है कि भीड़ ने वहां एक जज के बंगले पर भी पथराव किया है।

विसर्जन की रात हुई हिंसा में जो लोग घायल हुए थे, उनमें एक बच्चे की मौत हो गई है। इसकी सूचना मिलने के बाद लोगों का हुजूम निकल पड़ा। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भीड़ में शामिल लोगों ने पथराव और आगजनी की। सूत्रों का यह भी कहना है कि मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण इस मामले में हावी हो गया है। मुंगेर कांड के जरिए विधानसभा के बाकी बचे दोनों फेज के चुनाव को प्रभावित करने की प्लानिंग है। इस वजह से लोगों को भड़काया जा रहा है।

मुंगेर में हुई हिंसा के बारे में एडीजी पुलिस मुख्यालय, जितेंद्र कुमार का कहना है कि गोलीकांड की जांच सीनियर पुलिस ऑफिसर्स से कराई जा रही है। एडीजी के मुताबिक मूर्ति विसर्जन के दौरान हालात बिगड़े थे। इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी, लेकिन हालात क्यों बिगड़े, इसका पता लगाया जा रहा है। जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुंगेर में हुई हिंसा के बारे में एडीजी पुलिस मुख्यालय, जितेंद्र कुमार का कहना है कि गोलीकांड की जांच सीनियर पुलिस ऑफिसर्स से कराई जा रही है। एडीजी के मुताबिक मूर्ति विसर्जन के दौरान हालात बिगड़े थे। इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी, लेकिन हालात क्यों बिगड़े, इसका पता लगाया जा रहा है। जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।