अफगानिस्तान से भेजे गए हजारों करोड़ रुपए के करीब 3000 किलोग्राम ड्रग्स (नशीले पदार्थ) (Drugs Case) की पिछले माह गुजरात के कच्छ के मुंद्रा स्थित अडानी समूह संचालित बंदरगाह (Adani Port) से हुई सनसनीखेज बरामदगी के बाद आज समूह ने एक परिपत्र जारी कर आगामी 15 नवंबर से तीन पड़ोसी मुल्कों से कंटेनर के जरिए इसकी ओर से संचालित किसी भी पोर्ट पर माल लाने पर रोक लगा दी है। 

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईकोड) की ओर से आज जारी परिपत्र यानी सर्कुलर संख्या एपीएसईकोड/01/2021 में कहा गया है कि अफगानिस्तान (Afghanistan), पाकिस्तान (Pakistan ) और ईरान (Iran ) से कंटेनर में रख कर आने वाले किसी भी माल को 15 नवंबर से अगले आदेश तक एपीएसईकोड संचालित बंदरगाहों के किसी भी टर्मिनल अथवा थर्ड पार्टी टर्मिनल (Mundra drugs bust) पर नहीं उतारा जाएगा। यह परिपत्र पोर्ट का इस्तेमाल करने वालों ग्राहकों को सम्बोधित है। 

एपीएसईकोड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रत त्रिपाठी की ओर से जारी इस परिपत्र में ऐसा करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। ज्ञातव्य है कि गत तीन सितंबर को इस बंदरगाह से डिरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेन्स यानी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) (DRI) की टीम ने दो कंटेनर से कुल 2998 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किए थे जो मूलत: अफगानिस्तान से ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर लाकर वहां से भारत लाया गया था। इस मामले में कई लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है और कस्टम तथा एनआईए समेत कई एजेंसियां इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कर रही हैं। 

इस घटना को लेकर देश के बड़े बंदरगाहों को निजी हाथों में सौपने की सरकारी नीति तथा अडानी समूह को खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। समझा जाता है कि इसी के मद्देनजर समूह ने यह क़दम उठाया है। अडानी समूह एपीएसईकोड के जरिए देश के छह तटीय राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, तमिलनाडु, केरल और गोवा में कऱीब 10 बंदरों पर एक दर्जन से अधिक टर्मिनल और लगभग 50 बर्थ का संचालन करती है। देश में कुल माल ढुलाई का कऱीब एक चौथाई इन्ही के माध्यम से होता है।