आपने शहतूत के लाल, काले और नीले रंग के फल तो जरूर खाए होंगे। ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। लेकिन फल ही केवल शहतूत के पेड़ का वो हिस्सा नहीं है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि सदियों से इसकी पत्तियों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है। दुनिया में शहतूत का इस्तेमाल आमतौर पर सिल्क बनाने के लिए होता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है।

इसके पत्ते बहुत पौष्टिक होते हैं। ये पेलीफॉनल एंटीऑक्सीडेंट के साथ विटामिन सी, जिंक, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और फास्फोरस से भरपूर हैं, जो बीमारियों को आपसे दूर रखते हैं। (1) शहतूत की पत्ती को अगर पीसकर किसी घाव पर लगाया जाए, तो बहुत आराम मिलता है। वहीं इसकी पत्तियों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक बना रहता है। तो आइए जानते हैं शहतूत के पत्तों से जुड़ी वो सभी बातें, जो जानना बेहद जरूरी हैं।

ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कम करे

शहतूत के पत्ते में डीऑक्सीनोजीरिमाइसिन जैसे यौगिक होते हैं, जो पेट में काब्र्स के अवशोषण को रोकते हैं। ये पत्ते हाई ब्लड शुगर और इंसुलिन को कम कर सकते हैं। 3 महीने के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन टाइप टू डिसीज वाले लोगों ने प्रतिदिन 3 बार 1000 मिग्रा शहतूत की पत्ती का अर्क लिया, उनमें भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल कम था।

शुगर कंट्रोल करे

शहतूत के पत्तों में डीएनजे नामक तत्व पाया जाता है जो आंत में निर्मित अल्फा ग्लूकोसाइडेज एंजाइम से मिलकर एक बॉन्ड का निर्माण करता है। बता दें कि यह बॉन्ड शरीर में खून की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। शहतूत की पत्ती का सेवन इसलिए भी जरूरी है कि 47 प्रतिशत फास्टिंग शुगर लीवर में पाए जाने वाले ग्लूकोज से होती है। इसकी पत्ती में एकरबोस नाम का कंपोनेंट पाया जाता है, जो शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है।

मोटापा घटाए

कई अध्ययनों से पता चला है कि शहतूत के पत्ते फैट बर्निंग और वेटलॉस के लिए बहुत अच्छा प्राकृतिक उपचार हैं। एक अध्ययन के अनुसार, कई जानवरों में शहतूत की पत्तियों का अर्क पीने से उनका मोटापा और इससे जुड़ी तमाम बीमारियों में कमी हुई है। अच्छे परिणामों के लिए शहतूत की पत्तियों की चाय बनाकर पीएं, इससे मोटापा कम हो जाता है।

शहतूत की पत्‍तियां

कुछ शोध बताते हैं कि शहतूत की पत्ती का अर्क कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को कम करके एथेरोस्कलेरोसिस को रोककर दिल की सेहत में सुधार करता है। एक रिसर्च में पाया गया है कि शहतूत की पत्तियों में खास तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड, सीआरपी और एलडीएल को कम करने की क्षमता रखते हैं।

इसलिए अक्सर हार्ट और कोलेस्ट्रॉल के मरीज प्राकृतिक उपचार के तौर पर शहतूत की पत्तियों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए बहुत फायदेमंद है।

अन्य स्वास्थ्य लाभ-

एंटी कैंसर गुण -

शहतूत के पत्ते के कई स्वास्थ्य लाभ है। शहतूत के पत्तों में एंटी कैंसर प्रभाव होते हैं, इसके सेवन से कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है।

लीवर हेल्‍थ

टेस्ट ट्यूब और जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि शहतूत के पत्तों का अर्क लीवर सेल्स को नुकसान से बचा सकता है। लीवर पर आ रही सूजन इस पत्तों के सेवन से काफी हद तक कम हो सकती है। 

स्‍किन टोन

कुछ टेस्ट ट्यूब रिसर्च से पता चला है कि शहतूत की पत्ती का अर्क हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकने में कारगार है। यह स्वभाविक रूप से त्वचा की टोन को हल्का करने में मददगार है।

शहतूत के पत्ते आमतौर पर एशियाई देशों में चाय बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। हालांकि इन्हें खाया भी जा सकता है। ये टिंचर और हर्बल सप्लीमेंट के रूप में भी उपलब्ध है। शहतूत मोरसी पौधे परिवार से संबंधित है और इसमें कई प्रजातियां शामिल है। जैसे काली शहतूत, लाल शहतूत , सफेद शहतूत। शहतूत के पत्तों का उपयोग खाना पकाने और दवाओं में होता है। पत्तियां और पेड़ के अन्य भागों में लेटेक्स नामक एक दूधिया सफेद रस होता है।

जो मनुष्य के लिए हिल्का विषैला होता है, इसकी वजह से पेट खराब होने या छूने पर त्वचा में जलन हो सकती है। फिर भी बहुत से लोग बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के शहतूत के पत्तों का सेवन करते हैं। ये पत्ते बहुत स्वादिष्ट होते हैं और आमतौर पर टिंचर और हर्बल चाय बनाने के लिए इनका इस्तेमाल होता है। ऐशियाई देशों में यह हेल्दी ड्रिंक काफी पॉपुलर है।