अभी तक आपने सुना होगा कि अति विशिष्ट और विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती में जाती है, मगर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक ऐसा पेड़ (MP bodhi tree security) है, जिसकी सुरक्षा में चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। यह ऐसा पेड़ है जिसका नियमित तौर पर चिकित्सकीय परीक्षण भी किया जाता है।

आइए हम बताते हैं आपको इस वृक्ष की सुरक्षा की कहानी। भोपाल से रायसेन के पर्यटन शहर सांची की ओर जाने वाले मार्ग के दाएं तरफ की पहाड़ी पर है बोधि पेड़ (Bodhi Tree)। इस पेड़ को सितंबर 2012 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapakse) ने रोपा था, वे श्रीलंका से इस पेड़ की साख लेकर आए तभी से इस वृक्ष की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए। इस वृक्ष का बौद्ध धर्म में खास महत्व है क्योंकि कहा जाता है कि बोधगया में भगवान बुद्ध (Lord Buddha in Bodhgaya) ने इसी पेड़ के नीचे ज्ञान अर्जित किया था और वहीं सम्राट अशोक इसी पेड़ के सहारे शांति की खोज में निकले थे।

अपने तरह का यह अनोखा मामला है जब किसी वृक्ष की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है ,यह सुरक्षा कर्मी एक निर्धारित अंतराल से 24 घंटे इस पेड़ की सुरक्षा करते हैं। इतना ही नहीं इस पेड़ को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए पेड़ के चारों ओर 15 फीट ऊंची लोहे की जाली की दीवार खड़ी की गई है। इस लोहे की चाहर दीवारी के चलते इस पेड़ तक कोई पहुंच नहीं सकता मगर दूर से निहार जरूर सकता है। 

इसकी सुरक्षा में लगे कर्मचारियों पर वेतन के तौर पर हर साल 12 से 15 लाख रुपए तक का खर्च आता है। इस तरह हम देखें तो बीते नौ सालों में इस पेड़ की सुरक्षा पर लगभग एक करोड़ रुपए का खर्च आया होगा। हर किसी के आकर्षण का केंद्र है यह सलामतपुर की पहाड़ी पर स्थित बोधि वृक्ष। यहां से गुजरने वाले पर्यटक इसे देखने पहाड़ी पर जरुर पहुंचते हैं। वे वृक्ष की सुरक्षा के लिए तैनाती देखकर अचरज में पड़ जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पेड़ की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियोंकी तैनाती की बात सुनने को नहीं मिलती है।