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अब हाथ या शरीर के किसी अन्य अंग को हिलाए बिना सिर्फ विचारों को टेक्स्ट में ट्रांसलेट किया जा सकता है। सोशल मीडिया पोस्ट या कोई रैंडम मैसेज बिना किसी डिवाइस को लिखे, टाइप या बात किए बिना लिखना आसान हो गया है। ऑस्ट्रेलिया का एक लकवाग्रस्त व्यक्ति केवल विचार का उपयोग करके मैसेज ट्वीट करने वाला पहला व्यक्ति बन गया है।
एक मोटर न्यूरॉन रोग रोगी फिलिप ओ'कीफ के मस्तिष्क में इम्प्लाइटेड किए गए पेपरक्लिप के आकार के माइक्रोचिप द्वारा यह उपलब्धि संभव हुई। माइक्रोचिप 62 वर्षीय व्यक्ति के विचारों को पढ़ने और उसे एक टेक्स्ट में ट्रांसलेट करने में सक्षम था। फिलिप ने ब्रेन इम्प्लांट का इस्तेमाल करते हुए 'हैलो वर्ल्ड' कहा। मैसेज को "फर्स्ट डायरेक्ट थॉट ट्वीट" के रूप में वर्णित किया गया है।
फिलिप 2015 से एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) से पीड़ित हैं। इस स्थिति के कारण, वह अपने ऊपरी अंगों को हिलाने में असमर्थ हैं। लेकिन माइक्रोचिप इम्प्लांट ने उन्हें संक्षिप्त ट्वीट के बारे में सोचने में सक्षम बनाया। उन्होंने ट्वीट किया, ''हैलो, वर्ल्ड! छोटा ट्वीट, बड़ा अचीवमेंट।'' ये ट्वीट फिलिप ओ'कीफ ने सिंक्रॉन कंपनी के सीईओ थॉमस ऑक्सली के ट्विटर हैंडल से किया।
जिस इंटरफ़ेस ने अनुवाद को सफल बनाया, वह कैलिफ़ोर्निया स्थित ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफ़ेस कंपनी, सिंक्रोन द्वारा बनाया गया था। वे केवल अपने दिमाग का उपयोग करके रोगियों को कंप्यूटर पर कार्य करने की अनुमति देने में स्पेशलाइज्ड हैं। फिलिप इस साल कंपनी के सिंक्रोन के स्टेंटरोड ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस के साथ इम्प्लांटेड रोगियों में से एक बन गया। ट्वीट ने फिलिप को दुनिया का पहला व्यक्ति बना दिया जिसने सोशल मीडिया संदेश को सीधे विचार के माध्यम से सफलतापूर्वक पोस्ट किया।
सफल ट्वीट के बाद, फिलिप ने कहा कि वह पहली बार इस तकनीक के बारे में सुनकर चकित थे। उन्होंने कहा, "जब मैंने पहली बार इस तकनीक के बारे में सुना, तो हैरान रह गया था। प्रणाली आश्चर्यजनक है, यह बाइक चलाना सीखने जैसा है - इसके लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है, लेकिन एक बार जब सीख जाते हैं, तो इसके आदी हो जाते हैं। अब मैं ट्विटर के माध्यम से दुनिया को संदेश भेज सकता हूं।''
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