उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में प्रशासन के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी की जिंदा जलने से मौत हो गई. मां-बेटी की मौत के बाद गांव में लोग आक्रोशित हो गए. घटना के बाद गांव में तनाव है, एहतियात के तौर पर गांव में फोर्स तैनात की गई है. पुलिस और प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी.

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इस घटना का एक वीडियो उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शेयर किया है. वीडियो में जमीन पर घर का ढेर सारा सामान फैला हुआ दिख रहा है. सामने जलती हुई आग की लपटें दिख रही हैं. वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने इस घटना को हत्या करार दिया. सपा ने प्रशासन को जल्लाद और अमानवीय बताकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि योगी जी आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गयी ये हत्या है.

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इसी ट्वीट में सपा ने यह भी कहा कि योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवार निशाना बनाये जा रहे. लगातार चुन चुनकर ब्राह्मणों के साथ घटनाएं घटित हो रही हैं. दलित-पिछड़ों के साथ-साथ ब्राह्मण भी भाजपा शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीडि़तों की पहचान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) के रूप में हुई है, जिन्होंने ग्राम समाज भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व टीम के सामने यह घातक कदम उठाया. उन्होंने कहा कि पीडि़तों को बचाने के प्रयास में रूरा थाना के प्रभारी निरीक्षक दिनेश गौतम और पीडि़त प्रमिला के पति गेंदनलाल झुलस गए.

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उन्होंने कहा कि घटना से आक्रोशित परिजनों व उनके सर्मथकों ने लेखपाल अशोक सिंह की पिटाई कर दी, जिसके बाद अतिक्रमण रोधी टीम वहां से भाग गयी. आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष इस संबंध में उप जिलाधिकारी (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक सिंह और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. मां-बेटी के आत्मदाह की जानकारी मिलने के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (कानपुर जोन) आलोक सिंह ने संभागीय आयुक्त राज शेखर के साथ गांव का दौरा कर मामले की जानकारी ली.

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अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी नेहा जैन से मुलाकात की थी और संबंधित परिवार के मुखिया के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत की थी. पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गांव में पहुंची थी, तभी महिला और उसकी बेटी ने अपनी झोपड़ी के अंदर खुद को आग लगा ली, जिससे उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि हम मौके पर पहुंच गए हैं और मामले की जांच की जा रही है.