धरती और चांद के रिश्ते को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। चांद (moon) से निकला एक पत्थर हर साल धरती (earth) के चारों तरफ संदिग्ध तौर पर चक्कर लगा रहा है। यह धरती के चारों तरफ करीब 14,484,096 किलोमीटर की दूर है। यह पत्थर एक फेरी-व्हील के आकार का है जिसका व्यास करीब 190 फीट का है। वैज्ञानिकों ने इसकी एक रिपोर्ट जर्नल नेचर कम्यूनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरमेंट में प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में इसके बारे में डिटेल में बताया गया है।

चांद से निकले इस पत्थर का नाम कामो-ओलेवा (Kamo`oalewa) है। वैज्ञानिक इसे एस्टेरॉयड मानते है।। यह पहला एस्टेरॉयड है जो चांद से पैदा हुआ है और धरती के चक्कर लगा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके अध्ययन से धरती और चांद के प्राचीन संबंधों का खुलासा हो सकता है। कामो-ओलेवा एक हवाइयन शब्द है। जिसका मतलब होता है घूमता हुआ अंतरिक्ष का टुकड़ा। इसकी खोज हवाई के एस्ट्रोनॉमर्स ने साल 2016 में PanSTARRS टेलिस्कोप से की थी।
चांद के इस टुकड़े को इंसान खुली आंखों से नहीं देख सकता क्योंकि ये आंखों से दिखने वाली वस्तुओं की तुलना में 40 लाख गुना धुंधला है। लेकिन हर साल अप्रैल के महीने में यह धरती के नजदीक से चक्कर लगाते हुए आगे की तरफ निकल जाता है। वैज्ञानिक इसे ताकतवर टेलिस्कोप की मदद से कुछ समय के लिए ही देख पाते हैं। यह 1.44 करोड़ किलोमीटर की दूरी से निकलता है। यह धरती और चांद की दूरी से 40 गुना ज्यादा है।

कामो-ओलेवा (Kamo`oalewa) का धरती से नजदीकी रिश्ता है। यह चांद का बेटा है। यह पत्थर उससे तब अलग हुआ होगा, जब धरती से चांद अलग होकर अपने निर्माण की प्रक्रिया में लगा था। चांद तो धरती के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में रह गया लेकिन यह चांद का यह बेटा दूर निकल गया। सिर्फ इतना ही नहीं कामो-ओलेवा (Kamo`oalewa) के तीन भाई और हैं, जो सौर मंडल में धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहे हैं।