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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट 2021 पेश किया। इसमें बिलेटेड/रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समयसीमा में 3 महीने की कटौती करने का प्रस्ताव किया गया है। पहले किसी एसेसमेंट ईयर में 31 मार्च तक इसे भरा जा सकता था लेकिन अब इसे 31 दिसंबर तक भरना होगा। इसके मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2020-21 के लिए स्वेच्छा से आईटीआर भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 होगी।
अमूमन किसी वित्त वर्ष का आईटीआर अगले वित्त वर्ष में 31 जुलाई तक भरना होता है। फिलहाल बिलेटेड/रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को सामान्य डेडलाइन के बाद एसेसमेंट ईयर में 31 मार्च तक कभी भी भरा जा सकता है। मार्च की समय सीमा समाप्त होने के बाद टैक्सपेयर स्वेच्छा से अपना आईटीआर नहीं भर सकता है। ऐसी स्थिति में टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस के बाद ही इसे भरा जा सकता है।
स्वेच्छा से आईटीआर भरने की समय सीमा अब एसेसमेंट ईयर में 31 दिसंबर करने का प्रस्ताव है। यह बिलेटेड आईटीआर फाइल करने की भी अंतिम तिथि होगी। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर को बिलेटेड/रिवाइज्ड आईटीआर भरने के लिए तीन महीने कम मिलेंगे। नई समयसीमा एसेसमेंट ईयर 1 अप्रैल 2021 से लागू होगी। यानी यह 2020-21 के लिए भरे गए टैक्स रिटर्न पर लागू होगी। Tax2win.in के सीईओ और फाउंडर अभिषेक सोनी का कहना है कि आज के बजट प्रस्तावों के मुताबिक टैक्सपेयर्स को संबंधित एसेसमेंट ईयर खत्म होने से तीन महीने पहले आईटीआर फाइल करना पड़ेगा।
किसी वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की मूल समयसीमा खत्म होने के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जाता है। इसके लिए टैक्सपेयर को पेनल्टी देनी पड़ती है। संशोधित या रिवाइज्ड आईटीआर कोई टैक्सपेयर तब फाइल करता है, अगर उससे ओरिजनल टैक्स रिटर्न फाइल करते समय कोई चूक हो जाती है। इसमें डिडक्शन का क्लेम भूल जाना, इनकम या बैंक अकाउंट इत्यादि को रिपोर्ट न करने जैसी गलतियां शामिल हैं। बिलेटेड आईटीआर आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 139(4) के तहत फाइल किया जाता है। वहीं, रिवाइज्ड आईटीआर को सेक्शन 139 (5) के तहत दाखिल किया जाता है।
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