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गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सात दिसम्बर को गोरखपुर में फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Fertilizer Corporation of India) के खाद कारखाने का लोकार्पण करेंगे। वर्ष 1968 में स्थापित इस कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की महत्वाकांक्षी परियोजना खाद कारखाना खेतों की हरियाली और रोजगार के क्षेत्र में खुशहाली लाने को पूरी तरह तैयार हो चुका है। सांसद के रूप में खाद कारखाने के लिए योगी लगातार संघर्षरत रहे और मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी इसके समयबद्ध निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड द्वारा निर्मित इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इतने बड़े पैमाने पर खाद उत्पादन से देश के सकल खाद आयात में भारी कमी आएगी तो आत्मनिर्भरता का दम भी दिखेगा।
गोरखपुर में 1968 में स्थापित फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के खाद कारखाने को 1990 में हुए एक हादसे के बाद बंद कर दिया गया। एक बार यहां की मशीनें शांत हुईं तो तरक्की से जुड़ी उनकी आवाज को दोबारा सुनने की दिलचस्पी सरकारों ने नहीं दिखाई। 1998 में गोरखपुर से पहली बार सांसद बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हर सत्र में खाद कारखाने को चलाने या इसके स्थान पर नए प्लांट के लिए आवाज बुलंद की।
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी (narendra modi) ने उस समय सांसद योगी आदित्यनाथ (MP Yogi Adityanath) की इस मांग पर संजीदगी दिखाई और 22 जुलाई 2016 को नए खाद कारखाने का शिलान्यास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाद कारखाने के निर्माण में किसी तरह की बाधा ही नहीं रह गई वरन निर्माण कार्य को पंख लग गए। खास बात यह भी है कि यहां पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस आधारित प्लांट लगाया गया है।
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