मंडी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को यहां हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Himachal Pradesh Global Investors Meet) के दूसरे भूमिपूजन समारोह में भाग लिया और एक औद्योगिक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। 

इन परियोजनाओं में 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आने की संभावना है। उन्होंने छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी में एक जनसभा को संबोधित करने से पहले से रिमोट कंट्रोल के जरिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की जलविद्युत परियोजनाओं का औपचारिक रूप से उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इन परियोजनाओं में रेणुकाजी बांध परियोजना, लुहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना और धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना का शिलान्यस शामिल है। 

सावरा-कुड्डू जलविद्युत परियोजना का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (Himachal Pradesh Governor Rajendra Vishwanath Arlekar), हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jai Ram Thakur), केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Union Minister Anurag Singh Thakur) समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने हिमाचल प्रदेश में औगिक विकास की संभावनाओं, खास कर प्राकृतिक खेती के उत्पादों के प्रसंस्करण की संभावनाओं का उल्लेख किया। 

उन्होंने फार्मा उद्योग में राज्य के योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस यात्रा में निवेश सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला। इस सम्मेलन के साथ जिन औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत हो रही है उनमें 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश राज्य में आएगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोगों के लिए'जीवन की सुगमता' उनकी सरकार सबसे प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है और इसमें बिजली बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। 

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की इन नयी जल-विद्युत परियोजनाएं पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'गिरी नदी पर बन रही रेणुकाजी बांध परियोजना जब पूरी हो जाएगी तो एक बड़े क्षेत्र को इससे सीधा लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट से जो भी आय होगी उसका भी एक बड़ा हिस्सा यहीं के विकास पर खर्च होगा।' मोदी ने भारत की बदली हुई कार्यशैली को दोहराया और कहा, 'भारत ने 2016 में लक्ष्य रखा था कि देश साल 2030 तक, अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत, गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से पूरा करेगा। भारत ने अपना ये लक्ष्य, इस साल नवंबर में ही प्राप्त कर लिया है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत प्रकार से पर्यावरण को बचाते हुए विकास को गति दे रहा है, उसकी विश्वभर में प्रशंसा हो रही है। मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन के विषय पर कहा कि पहाड़ों को प्लास्टिक की वजह से जो नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को स्वच्छ रखने में, प्लास्टिक और अन्य कचरे से मुक्त रखने में पर्यटकों का भी दायित्व बहुत बड़ा है। प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में दवा क्षेत्र के विकास की सराहना करते हुए कहा, 'यदि भारत को आज दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है, तो इसके पीछे हिमाचल की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने ना सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है।' 

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सरकार के आज चार वर्ष पूरे हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री मोदी को हिमाचली टोपी और शाल पहना कर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री को इस अवसर पर बड़े आकार का एक त्रिशूल भी भेंट किया गया।