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संसद (Parliament) के इस मौजूदा शीतकालीन सत्र (winter session) में क्रिप्टो करेंसी पर बिल (crypto currency bill) आने की संभावना नहीं है। इस मुद्दे पर अभी बहुत सारी व्यापक चर्चा होना बाकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जब तक इसपर समग्रता से चर्चा और विचार नहीं हो जाता तबतक क्रिप्टो बिल नहीं आएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार क्रिप्टो को लेकर किसी भी तरह की हड़बड़ी में नहीं है। आपको बता दें कि इससे पहले सत्र यानी मॉनसून सेशन में इस बिल को शामिल किया गया था।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने हाल ही में कई बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की थी और जल्द इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था। इसके अलावा आरबीआई भी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने तो इसे बड़ा खतरा बताया है।
इसकी शुरुआत साल 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस से होती है। जब लोगों का बैंकिंग सिस्टम से भरोसा उठ गया था। साल 2009 में एक जापानी वैज्ञानिक सतोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन का अविष्कार किया। तब किसी को कुछ पता नहीं था कि आखिर ये क्या बला है। तब इसे क्रिप्टो करेंसी कहा गया। क्रिप्टो यानी ग्रीक भाषा में सीक्रेट यानी गुप्त मुद्रा।
आज दुनिया में क़रीब 8 हज़ार से ज़्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। हालांकि मशहूर बिटकॉइन ही है। अब आपके मन में बिटकॉइन को लेकर सवाल उठ रहे होंगे? आइए पहले इसे ही जान लेते है। सूत्रों की मानें तो 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में क्रिप्टोकरेंसी कानून पेश नहीं किया जाएगा। बिल का संसद के दोनों सदनों के एजेंडे में भी कोई भी जिक्र नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी बिल पर अभी भी काम चल रहा है और सरकार अभी भी नियामक प्रावधानों को अंतिम रूप दे रही है।
क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 पर इंडस्ट्री में विवाद है। इसकी वजह लोकसभा की वेबसाइट पर बिल को लेकर टिप्पणी है कि जिसमें कहा गया है कि इसका मकसद भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना है। लेकिन इसमें टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल का प्रचार करने के लिए कुछ छूटों की इजाजत दी गई है। हाल के दिनों में, देश में बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि निवेशक रेगुलेशन पर ज्यादा साफ तस्वीर का इंतजार कर रहे हैं।
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