केंद्र सरकार ( Central Government) ने पेंशन देने वाले सभी बैंकों को सलाह दी है कि अगर पति या पत्नी यानि कहा जाए तो पारिवारिक पेंशनभोगी ( family pensioner) , फैमिली पेंशन पाने के लिए मौजूदा (opts for the existing joint bank account to get the family pension) संयुक्त बैंक खाते का विकल्प चुनते हैं, तो बैंकों को नया खाता खोलने पर जोर नहीं देना चाहिए. 

सरकार ने शनिवार को कहा कि जीवनसाथी (joint bank account is not mandatory for spouse pension) पेंशन के लिए संयुक्त बैंक खाता कतई अनिवार्य नहीं है. केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ( Jitendra Singh) की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने हमेशा सेवानिवृत्त और पेंशनभोगी कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों के जीवन को सुगम बनाने के लिए काम किया है.

जितेंद्र सिंह ने ऐसे लोगों के अनुभव और लंबे सेवाकाल को देखते हुए उन्हें देश के लिए मूल्यवान बताया. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक यदि कार्यालय प्रमुख इस बात से संतुष्ट हैं कि सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी के लिए अपनी पहुंच के बाहर किसी कारण से अपने पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाता खोलना संभव नहीं है, तो इस अनिवार्यता में ढील दी जा सकती है.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में हालांकि ये भी कहा गया कि वैसे तो पति या पत्नी के साथ एक संयुक्त बैंक खाता होना वांछनीय है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन खातों का संचालन पेंशनभोगी की इच्छा के अनुसार भूतपूर्व या उत्तरजीवी या फिर दोनों में से कोई एक या उत्तरजीवी के आधार पर ही होगा.

सरकार की तरफ से आए बयान में कहा गया है क पेंशन पेमेंट ऑर्डर में स्पाउस के साथ फैमिली पेंशन के लिए ज्वाइंट अकाउंट का होना जरूरी है. यह अकाउंट “former or survivor” और “either or survivor” कैटेगरी में होता है. वैसे यह पूरी तरह से पेंशनर्स की इच्छा पर ही निर्भर करता है. ज्वाइंट अकाउंट इसलिए खुलवाया जाता है, जिससे पेंशनर की मौत हो जाने पर स्पाउस को पेंशन मिलने में ज्यादा परेशानी नहीं हो. इसका मकसद पेंशनर्स को राहत देना ही होता है ना कि उनके लिए परेशानियों को पैदा करना है.