कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े पर सरकार को घेरते हुए शुक्रवार को कहा कि रोजगार सृजन की पहल करने की बजाय सरकारी संस्थाओं को बेचकर लोगों का रोजगार चाहें रही है। गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार बेरोजगारी का समाधान नही करना चाहती है। सरकार युवाओ के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है और रोजगार को लेकर उसकी भूमिका अत्यंत ही निराशाजनक है। 

गांधी ने कहा, 'सबसे बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बेरोजगारी है जिसके कुछ सीधे समाधान हैं- पीएसयू-पीएसबी मत बेचो,एमएसएमई को आर्थिक मदद दो, मित्रों की नहीं, देश की सोचो। लेकिन केंद्र सरकार समाधान करना नहीं चाहती।' इससे पहले उन्होंने एक अन्य ट्वीट में बेरोजगारी को लेकर कहा, 'मोदी सरकार रोजगार के लिए हानिकारक है। वे किसी भी प्रकार के 'मित्रहीन' व्यवसाय या रोजगार को बढ़ावा या सहारा नहीं देते बल्कि जिनके पास नौकरी है उसे भी छीनने में लगे हैं। देशवासियों से आत्मनिर्भरता का ढोंग अपेक्षित है। जनहित में जारी।'

उन्होंन सीएमआईई की रिपोर्ट पर आधारित एक खबर भी पोस्ट की है जिसमे कहा गया है कि अगस्त में इस बार 15 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।