आज से हजारों साल पहले भी इंसान अपनी भावनाओं को पेंटिंग्स के रूप में उकेरता था। दक्षिणी स्पेन के मलागा के पास स्थित गुफा में 65,000 साल पुरानी पेंटिंग्स पर हुए एक अध्ययन में निएंडरथल्स के संभवत: पृथ्वी के पहले कलाकार होने के संकेत मिले हैं। इस संबंध में प्रोसिडिंग्‍स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज जर्नल में अध्‍ययन प्रकाशित हुआ है। 

अध्ययन के एक लेखक ने कहा कि गुफाओं में मिले लाल गेरूआ रंगद्रव्य को निएंडरथल्स ने उकेरा था जो संभवत: एक अनुष्ठान का हिस्सा होगा। इस गुफा ने यह भी जता दिया है कि निएंडरथल मानव इंसान के पूर्वजों के बेहद करीब थे। लाल और गेरुवा रंग के ये चित्र अर्डालेस गुफा की छत के टपकाव से फर्श पर जमा हुए चूने के स्तंभ पर पाए गए हैं।

इस ताजा खोज से यह साबित हो गया है कि इंसान के पूर्वज कहे जाने वाले होमो सेपिएंस की तुलना में निएंडरथल मानव उतने ज्‍यादा पिछड़े नहीं थे, जितना कि उन्‍हें अब तक समझा जाता रहा है। निएंडरथल मानव करीब 40 हजार साल पहले धरती से विलुप्‍त हो गए थे। इससे पहले ऐसा दावा किया गया था कि ये चित्र प्राकृतिक रूप से बने हैं। शोध के एक लेखक जोआओ जिल्‍हाओ ने कहा कि इस खोज का महत्‍व यह है कि इसकी वजह से हमारा निएंडरथल मानव के प्रति दृष्टिकोण बदल जाता है। वे इंसान के करीब थे। 

वैज्ञानिकों के मुताबिक प्राचीन निएंडरथल मानव की प्रजाति इसलिए विलुप्त हो गई क्योंकि उनकी आंखें मौजूदा मनुष्यों की तुलना में काफी बड़ी थीं। उनकी आंखें यूरोप की लंबी काली रातों में दूर तक देखने के लिए बनी थीं लेकिन इन बड़ी आंखों की कीमत उन्हें उच्च स्तरीय विचार योग्य दिमाग को त्याग कर चुकानी पड़ी। वहीं मनुष्यों की प्रजाति होमो सेपियंस के पास एक बेहतर और बड़ा दिमाग था, जिसकी मदद से उन्होंने गर्म कपड़े बनाए और बड़े समाज बनाए जिसकी मदद से वो यूरोप के हिमयुग में बचे रह पाए।