
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तगड़ा हमला बोला है। किरण रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, हिंदू आतंक लश्कर ए तैयबा से बड़ा खतरा है। अब लश्कर ए तैयबा ने कश्मीर पर कांग्रेस की पॉजिशन का समर्थन किया है। इशरत जहां केस में भी कांग्रेस और लश्कर ए तैयबा एक दूसरे का स्तुतिगान कर रहे थे। अब वक्त आ गया है। इससे पहले रिजिजू ने ट्वीट किया, लश्कर ए तैयबा कांग्रेस के विचारों का समर्थन कर रहा है। अब कांग्रेस पार्टी को देश को जवाब देना ही होगा।
आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर में सेना की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए थे। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि सेना कश्मीर में आतंकियों को कम और आम नागरिकों को ज्यादा मार रही है। आजाद ने यह बयान एक चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान दिया था। गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि सेना के ऑपरेशन में आतंकियों से ज्यादा आम लोग मारे जा रहे हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने आजाद के इस बयान का समर्थन किया। लश्कर ने कहा कि भारतीय सेना के मामले पर उसकी राय गुलाम नबी आजाद की राय से अलग नहीं है। लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने कहा भारतीय सेना कश्मीर में आम नागरिकों पर जुल्म ढा रही है।
Rahul Gandhi said, Hindu terror is bigger threat than Lashkar-e-Taiba. Now, Lashkar supports Congress position on Kashmir. In Ishrat Jahan case also Congress & Lashkar-e-Taiba were complimentary to each other. Time has come. https://t.co/xnMPmf8EQB
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) 22 June 2018
लश्कर-ए-तैयबा काँग्रेस के विचारों को समर्थन कर रहा है। अब कांग्रेस
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) 22 June 2018
पार्टी देश को जवाब देना ही होगा।
लश्कर ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा, इस मामले में हमारी राय गुलाम नबी आजाद की राय से अलग नहीं है। भारत सरकार जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर जगमोहन युग को वापस लाना चाहती है ताकि बुनियादी ढांचे को तोडऩे और निर्दोशों के नरसंहार को बढ़ावा दिया जा सके। लश्कर ने कहा कि कश्मीर में सेना नागरिकों को तड़पा रही है। वहां के नेता गुलाम नबी आजाद ने जो बात कही है, वह बिल्कुल सही है।
लश्कर ने आरोप लगाया कि पिछले 7 दशक से भारत जम्मू कश्मीर में उत्पीडऩ कर रहा है। लोगों को ईद और जुमे की नमाज भी नहीं करने दी जा रही है। सेना कश्मीरियों की सोच को दबा रही है। लश्कर ने रमजान के मौके पर लागू किए गए संघर्ष विराम को पूरी तरह से ड्रामा करार दिया। लश्कर ने कहा कि भारत कश्मीर में अपने एजेंडे को लागू करने में लगातार विफल होता आ रहा है।
आजाद ने लगाया था यह आरोप
गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि केन्द्र सरकार की दमनकारी नीति का सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है। हाल के आंकड़ों पर गौर करें तो सेना की कार्रवाई में नागरिकों के खिलाफ ज्यादा और आतंकियों के खिलाफ कम हुई है। घाटी में हालात बिगडऩे का मुख्य कारण यह है कि मोदी सरकार बातचीत करने की अपेक्षा कार्रवाई करने में ज्यादा यकीन रखती है। ऐसा लगता है कि वे हमेशा हथियार इस्तेमाल करना चाहते हैं।
कार्रवाई को ऑपरेशन ऑल आउट कहना, यह स्पष्ट बताता है कि वे बड़े नरसंहार की योजना बना रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि वे यह नहीं कहते कि इस मसले को बातचीत से हल किया जाएगा जबकि पूरी दुनिया ने देखा कि अमरीका और उत्तर कोरिया ने अपने मसले बातचीत से हल किए।
भाजपा ने कहा, आजाद का बयान शर्मनाक
भाजपा ने गुलाम नबी आजाद के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आजाद की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और गैर जिम्मेदाराना है। भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, कि आजाद की टिप्पणी से सबसे खुश पाकिस्तान के लोग होंगे जो आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं, वहां की सरकार के तत्व होंगे।
इससे बड़ा आश्चर्य कोई हो नहीं सकता कि लश्कर के प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के जो नेता जो बोल रहे हैं उसका लश्कर ए तैयबा समर्थन कर रहा है, ये कौनसी राजनीति है कि कांग्रेस पार्टी आज देश को तोडऩे वालों के साथ खड़ी हो गई है।
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