भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा गतिरोध को लेकर 11वें दौर की सैन्य वार्ता 9 अप्रैल को होने की उम्मीद जताई जा रही है। दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों के बीच बैठक लद्दाख में गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग मैदानों में घर्षण बिंदुओं के साथ चल रहे मुद्दों को हल करने पर केंद्रित होगी। भारत ने कहा है कि वह तभी डी-एस्केलेशन के लिए सहमत होगा।

भारत ने बताया कि वह सहमत तब ही होगा जब वह एक साथ हो और सैनिकों की वापसी दोनों पक्षों से समान हो और आपसी सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करे। दोनों देशों द्वारा राजनयिक स्तर की वार्ता आयोजित किए जाने के बाद वार्ता जल्द ही आयोजित किए जाने की संभावना है, जिसमें उन्होंने इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बता दें कि भारतीय और चीनी आतंकवादियों के बीच सीमा गतिरोध पिछले साल 5 मई को पंगु झील के इलाकों में हिंसक झड़प के बाद भड़क गया था।

इस झड़प के बाद, दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों के बल पर अपनी तैनाती को बढ़ाया गया। फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और हथियारों की कई दौर की कूटनीतिक बातचीत हुई। असंगति का श्रेय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने द्वारा सभी हितधारकों को दिया गया जिन्होंने संकट के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा दिए गए इनपुट से देश को लाभान्वित करने की बात की।