नमक की महत्ता सिर्फ खाने तक ही नहीं सीमित है, यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल के समय में लगभग हर खाने की चीज में मिलावट होने लगी है। नमक भी इस मिलावट से अछूता नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशियन रिसर्च तमिलनाडु के द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार खाने के नमक में 100 से 200  माइक्रोप्लास्टिक के प्रकार पाए गए हैं।

बता दें कि माइक्रोप्लास्टिक वास्तव में प्लास्टिक के बहुत छोटे कण या टुकड़े होते हैं। इन माइक्रोप्लास्टिक का आकार पांच मिलीमीटर से भी कम होता है। पर्यावरण में प्रदूषण के कारण यह हवा में मौजूद रहते हैं। आपको बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशियन रिसर्च तमिलनाडु ने रिसर्च के लिए नमक का सैंपल गुजरात और तमिलनाडु से लिया था।

रिसर्च के अनुसार 200 ग्राम गुजरात से लिए गए नमक के सैंपल में करीब 46-115 कण माइक्रोप्लास्टिक के पाए गए हैं। वहीं तमिलनाडु से लिए गए 200 ग्राम नमक के सैंपल में करीब 23-110  कण माइक्रोप्लास्टिक के पाए गए हैं। इन सैंपल्स में polyethylene, polyester और  polyvinyl chloride जैसे बेहद खतरनाक केमिकल भी पाए गए हैं जो शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशियन रिसर्च के असिस्टेंट प्रोफेसर विद्या साकर ने बताया है कि पूरे रिसर्च में पाए गए कण शरीर के लिए बहुत हानिकारक है और कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।