भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि ताउते के अगले 24 घंटे में और घातक होने के आसार हैं। यह 17 मई की शाम तक गुजरात के तटीय इलाके में पहुंच जाएगा और 18 मई की सुबह पोरबंदर से महुवा (भावनगर जिला) के बीच के इलाके से होता हुए गुजरात को पार करेगा। इस दौरान गुजरात के तटीय जिलों पोरबंदर, जूनागढ़, गिर, सोमनाथ, अमरेली में 1 मीटर से लेकर 3 मीटर ऊंचाई तक की लहरें उठ सकती हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उच्च स्तरीय बैठक में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना जिलों के करीब 1500 अस्पतालों से ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की आवश्यकता वाले कोरोना मरीजों को नजदीक के जिलों में भेजने का निर्देश दिया।

इसके लिए राज्य के सभी हिस्सों से एडवांस लाइस सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस जामनगर, राजकोट, कच्छ और जूनागढ़ जिलों के लिए रवाना कर दी गई हैं। अस्पतालों को अपने यहां पॉवर बैकअप और ऑक्सीजन का बफर स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के मुताबिक, आठ ऑक्सीजन उत्पादक संयंत्रों को भी आपात व्यवस्था बनाने को कहा गया है। साथ ही सेना को भी मदद के लिए सतर्क कर दिया गया है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को तटीय राज्यों के पार्टी नेताओं के साथ चक्रवातती तूफान को लेकर बात की। नड्डा ने ट्वीट में बताया कि गोवा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, दमन व दीव और गुजरात के पार्टी सांसदों, विधायकों व संगठन पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की है। सभी को सतर्कता बरतने और राहत कार्यों में मदद करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे।

राष्ट्रीय आपदा बचाव बल (एनडीआरएफ) ने राहत-बचाव अभियान चलाने के लिए ताउते चक्रवात से प्रभावित राज्यों में 101 टीमों को तैनात किया है। इनमें से 79 टीमों को फील्ड में उतारा गया है, जबकि 22 को रिजर्व में रखा गया है। इनके अलावा सेना, नौसेना और तटरक्षक बल की राहत-बचाव टीमें और विमान भी तैनात किए गए हैं।