
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर रविवार को थम गया है। राज्य में 59 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होने हैं आैर इस विधानसभा चुनाव में सभी की नजरें मैरंग सीट पर जो कि एसटी के लिए रिज़र्व है।

1983 में पासा पलट गया और मैरंग सीट पर फुल्लेर लिंगदोह मवनै को हार का सामना करना पड़ा और एएचएल के किटडोर सईएम को जनता ने 1889 वोटों से जीत का ताज पहनाया लेकिन 1988 में फुल्लेर लिंगदोह फिर से वापसी की और किटडोर सईएम को 559 वोटों से मात दी, लेकिन 1993 में जीत का रुख बदला और जनता ने आईएनडी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए किटडोर सईएम को फुल्लेर लिंगदोह के मुकाबले 3271 वोट देखर विजयी बनाया। इसके बाद 1998 में भी जनता ने किटडोर सईएमपर ही विश्वास दिखाया और उन्हें फिर से फुल्लेर लिंगदोह के मुकाबले में 1290 वोटों से विजेता बनाया।

2003 में कांग्रेस ने इस सीट पर अपने नए उम्मीदवार बोल्डनेस एल नोंग्रुम को चुनावी मैदान में उतरा और इस बार भी मुकाबला एचपीडीपी के फुल्लेर लिंगदोह दे था लेकिन कांग्रेस की लहर थी और जनता ने बोल्डनेस को 798 वोट देकर विजयी बनाया। किन्तु यह सिलसिला आगे नहीं बढ़ सका क्योंकि इसके बाद साल 2008 में जनता ने यूडीपी से चुनावी मैदान में उतरे मेतबाह लिंगदोह पर अपना विश्वास दिखाया और कांग्रेस के उम्मीदवाद बोल्डनेस को 1874 वोटों से करारी हार दी।
इसके बाद साल 2013 में कांग्रेस ने मैरंग सीट अपनी महिला उम्मीदवार यूरेका एफ. पी लिंगदोह को उतरा लेकिन जनता ने फिर से यूडीपी के नेता मेतबाह लिंगदोह पर अपना विश्वास दिखाया और उन्हें 1616 वोटों विजेता बनाया। लेकिन इस बार मैरंग सीट पर मुकाबला कड़ा है क्योंकि मेघालय राजनीति में दूर दूर तक नजर नहीं आने वाली बीजेपी ने केस्टोनबेल मानिक सीईएमलीह को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने यूरेका एफ पी लिंगदोह को इस सीट पर उतरा है यूडीपी ने अपने पूराने खिलाडी और विजेता मेतबाह लिंगदोह को टिकट दिया है इसके साथ ही एनपीपी ने लावनपैंशनगैन के. वॉर को तो पीडीएफ ने कॉउंसललर सिंह वहलंग को मैरंग सीट से उतारा है ।
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