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2008-2009 के कथित शिक्षा घोटाला मामले में मेघालय उच्च न्यायालय ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री ए लिंगदोह सहित कई नेताओं के खिलाफ मामले की आपराधिक पक्ष की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही 2008 से लेकर 2009 तक नियुक्त सभी शिक्षकों की भर्ती को भी रद्द कर दिया है मेघालय उच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश दिनेश महेश्वरी और न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश की पीठ ने पांच केन्द्रों की चयन प्रक्रिया रद्द करते हुए उन सभी केन्द्रों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए हैं। जहां शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं थीं. मामला मेघालय में 2008-2009 में सरकारी निम्न प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
अदालत ने कहा कि पांच केन्द्रों शिलांग सदर, जोवाई, अम्लारेम, तूरा और दादेन्ग्रे के सभी बेदाग उम्मीदवारों चाहे वे सेवा में हों अथवा नहीं, को नयी चयन प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाए। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि ने यह मान लिया कि प्रतियोगिता के जरिए जन रोजगार के मसले को अपनी इच्छा और सिफारिशों के जरिए भी पूरा किया जा सकता है।’ ‘हम उस संबंध में कुछ भी कहने से बचते हैं लेकिन इसे कड़ी जांच के लिए जांच एजेंसी पर छोड़ते हैं।’
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