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एस्ट्रोनॉमर्स ने अंतरिक्ष में अब तक का सबसे बड़ा एक्सोप्लैनेट खोजा है। यह बी सेंटॉरी (B Centauri) ग्रहों के बाइनरी सिस्टम के तारे के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। इस एलियन ग्रह (Alien Planet) को देख कर वैज्ञानिक हैरान और कन्फ्यूज हैं। वैज्ञानिकों को इसके पहले इस बी सेंटॉरी ग्रहों के सिस्टम के आसपास ऐसा ग्रह नहीं दिखा था, फिर ये अचानक से कैसे आ गया।
बी सेंटॉरी (B Centauri) हमारे सौर मंडल से बाहर 325 प्रकाश वर्ष दूर है। यह सेंटॉरस नक्षत्र (Centaurus Constellation) में स्थित है। इसका मुख्य तारा हमारे सूरज से तीन गुना ज्यादा गर्म है। इसके दो अन्य तारों का वजन हमारे सूरज के 6 से 10 गुना ज्यादा है। अभी तक ऐसा कोई ग्रह नहीं मिला था जो हमारे सूरज के मास से तीन गुना ज्यादा वजन का हो।
इस नए एलियन ग्रह को बी सेंटॉरी बी (B Centauri B) नाम दिया गया है। इसका वायुमंडलीय मिश्रण बृहस्पति ग्रह जैसा है। लेकिन यह बृहस्पति ग्रह से 10 गुना ज्यादा बड़ा है। यह अब तक वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया सबसे बड़ा एक्सोप्लैनेट है। यह अपने मुख्य तारे से करीब 8368 करोड़ किलोमीटर दूर है। यह अपने तारे के चारों तरफ सबसे बड़ी कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इतनी बड़ी कक्षा की खोज भी अभी तक नहीं हुई थी।
एस्ट्रोनॉमर्स ने इस ग्रह की तस्वीर चिली स्थित यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी के वेरी लार्ज टेलिस्कोप से ली है। इसकी स्टडी हाल ही में Nature जर्नल में प्रकाशित हुई है। स्वीडन स्थित स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर मार्कस जैन्सन ने कहा कि बी सेंटॉरी (B Centauri) के पास एक नए ग्रह की खोज हैरतअंगेज है। यह बड़े तारों और ग्रहों को लेकर हमारी पुरानी मान्यताओं को ध्वस्त कर देता है।
बी सेंटॉरी (B Centauri) में मौजूद यह ग्रह काफी युवा है। उनकी उम्र 1.5 करोड़ वर्ष है, जबकि हमारे सूरज की उम्र 460 करोड़ साल है। स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी की पीएचडी शोधार्थी गायत्री विश्वनाथ ने बताया कि बी सेंटॉरी (B Centauri) में मिले इस ग्रह की दुनिया एलियन दुनिया जैसी हो सकती है। यह हमारी धरती या सौर मंडल के किसी भी ग्रह से एकदम अलग हो सकता है।
गायत्री विश्वनाथ ने बताया कि बी सेंटॉरी बी ग्रह पर खराब मौसम, भयानक स्तर का रेडिएशन सबकुछ बड़े और भयानक स्तर का हो सकता है। क्योंकि यह ग्रह बड़ा है। इसका तारा बड़ा है। इसकी दूरी ज्यादा है। बी सेंटॉरी (B Centauri) बाइनरी प्लैनेट सिस्टम में जिस तरह का पर्यावरण है, वह किसी भी अन्य ग्रह पर देखने को नहीं मिला है। यहां पर जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के एस्ट्रोनॉमर और इस स्टडी के सह-लेखक माइकल मेयर ने कहा कि बी सेंटॉरी बी (B Centauri B) के मिलने के बाद हमारे सारे मॉडल्स बेकार हो गए हैं। लेकिन हमारे लिए यही चैलेंज जो आगे की स्टडी के लिए प्रेरित करता है और खोज करने की प्रेरणा तभी मिलती है, जब कोई आपको गलत साबित करता है। इस ग्रह ने हम वैज्ञानिकों को गलत साबित किया है। इसलिए हम इसकी और स्टडी करने वाले हैं।
मार्कस जैन्सन ने कहा कि अभी तक हम यह नहीं पता कर पाए कि यह ग्रह पहले क्यों नहीं दिखा। अचानक से कहां से आ गया। हम उसकी उत्पत्ति को लेकर भी खोजबीन कर रहे हैं। फिलहाल तो बी सेंटॉरी बी (B Centauri B) हमारे लिए किसी रहस्य से कम नहीं है। साल 1992 में वैज्ञानिकों ने पहली बार यह बताया था कि सौर मंडल से बाहर भी ग्रह हैं, जिन्हें एक्सोप्लैनेट कहा जाता है।
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