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नई दिल्ली। भारत तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रहा है और इलेक्ट्रिफिकेशन की ये रेस सड़क से खेतों तक पहुंच चुकी है. यहां की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है वहीं खेतों में इस्तेमाल होने वाले वाहन और उपकरण भी तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रहे हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक रिक्शा से प्रेरणा लेकर गुजरात के किसानों ने एक ऐसे ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को बनाया है. इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को Marut E-Tract 3.0 नाम दिया गया है. गुजरात के अहमदाबाद बेस्ड इस कंपनी का ये पहला इलेक्ट्रिक वाहन है, जिसे तैयार करने में तकरीबन 4 साल का समय लगा.
मारुत ई-एग्रोटेक के निदेशक निकुंज किशोर कोराट का कहना है कि 5 साल पहले जब उन्होनें दिल्ली की सड़कों पर दौड़ते इलेक्ट्रिक रिक्शा को देखा तो उन्हें एग्रीकल्चर फील्ड में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी के प्रयोग का आइडिया आया. अपने इसी विज़न को लेकर वो आगे बढ़ें और साल 2018 से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के निर्माण में जुट गएं. इस दौरान उन्होनें 4 प्रोटोटाइप तैयार किए जिसकी शुरुआत में 1 किलोवाट की क्षमता का बैटरी पैक अपने ट्रैक्टर में इस्तेमाल किया और कई चुनौतियों के बाद आखिरकार उन्हें सफलता मिली और वो इस फाइनल प्रोडक्ट तक पहुंचे. निकुंज किसान परिवार से आते हैं और उन्होनें मैकेनिल इंजीनियरिंग में स्नातक की है. इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को तैयार करना एक बड़ी चुनौती थी, ख़ासतौर पर जब इसका मुकाबला मौजूदा डीज़ल ट्रैक्टरों से हो. निकुंज ने बताया कि, तकरीबन 98 प्रतिशत स्थानीय कंपोनेंट से तैयार इस ट्रैक्टर में केवल कंट्रोलर एक अमेरिकी कंपनी का है. इसके अलावा अन्य सभी पार्ट्स मेड-इन-इंडिया हैं. जाहिर है कि, इसके पीछे उनका उद्देश्य एक किफायती प्रोडक्ट तैयार करने की रही है.
Marut E-Tract में रिजेनरेटिंग ब्रेकिंग सिस्टम के साथ 11kWh की क्षमता का बैटरी पैक इस्तेमाल किया गया है, इसका इलेक्ट्रिक मोटर 3KW की क्षमता का पावर आउटपुट देता है. इस स्टार्टअप का दावा है कि, इसकी बैटरी को घरेलू 15 एम्पीयर के सॉकेट से कनेक्ट कर आसानी से महज 4 घंटे में ही फुल चार्ज किया जा सकता है. निकुंज का कहना है कि, एक बार फुल चार्ज होने के बाद ये ट्रैक्टर 6 से 8 घंटे तक की ड्युटी प्रदान करता है.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज एक दस्तावेज के अनुसार औसतन एक रेगुलर डीज़ल ट्रैक्टर 1.5 से 2 लीटर प्रतिघंटा ईंधन की खपत करता है. हालांकि ये आंकड़ा बड़े और हैवी ट्रैक्टर्स के लिए है. वहीं सामान्यत: 15Hp से 22Hp का मिनी ट्रैक्टर औसतन हर घंटे 1 लीटर डीज़ल की खपत करता है.
निकुंज ने कहा है कि उनके इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की बैटरी को चार्ज होने में कुल 10 यूनिट बिजली खपत होती है और औसतन किसी भी क्षेत्र में यदि 8 रुपये प्रति यूनिट बिजली की दर भी रखते हैं तो बैटरी को फुल चार्ज करने में तकरीबन 80 रुपये का खर्च आएगा. फुल चार्ज होने के बाद 80 रुपये के खर्च में ये ट्रैक्टर 6 घंटे तक ड्यूटी करेगा. वहीं डीजल की कीमत 88 से 90 रुपये प्रतिलीटर (लोकेशन के अनुसार भिन्न) है और तकरीबन 6 घंटे काम करने के लिए ट्रैक्टर को तकरीबन 6 लीटर ईंधन की जरूरत होगी, जिसके लिए आपको तकरीबन 500 से 550 रुपये खर्च करने होंगे.
एक मिनी ट्रैक्टर द्वारा फॉर्मिंग के उद्देश्य से किए जाने वाले सभी तरह के काम करने में ये ट्रैक्टर सक्षम है. Marut E-Tract में आप कृषी उपकरण के साथ ही ट्रॉली को भी जोड़ सकते हैं और इसकी भार वहन क्षमता तकरीबन 1.5 टन है.
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Marut E-Tract के फीचर्स
भार उठाने की क्षमता — 1.2 टन
पुलिंग / ट्रॉली क्षमता — 2.5 टन
टॉर्क — 20 एचपी
ड्यूटी रेंज — 6 से 8 घंटे
चार्जिंग — 4-5 घंटे
इलेक्ट्रिक मोटर — 3 किलोवॉट
ये इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर अभी शुरुआती चरणों में है, हालांकि अभी ये बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है. इसकी कीमत तकरीबन 5.5 लाख रुपये से शुरू होगी. इसके अलावा सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों और कृषी वाहनों पर दिए जाने वाले छूट को शामिल किया जाएगा तो इसकी कीमत और भी कम हो सकती है. वहीं इस ट्रैक्टर की बैटरी पर 3 साल या 3,000 घंटे की वारंटी और इलेक्ट्रिक मोटर के लिए 2,000 घंटे की वारंटी दी जा रही है.
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