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नीति आयोग (NITI Aayog) ने बुधवार को पूरी तरह से टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल बैंक (Digital bank) गठित करने का प्रस्ताव किया है। यह बैंक देश में वित्तीय चुनौतियों से पार पाने के लिए सैद्धांतिक रूप से अपनी सेवाओं की पेशकश को लेकर फिजिकल ब्रांच के बजाय इंटरनेट और अन्य संबंधित चैनलों का उपयोग करेगा।
आयोग ने इस संदर्भ में ‘डिजिटल बैंक: भारत के लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव’ शीर्षक से जारी डिस्कशन पेपर में यह प्रस्ताव किया है। इसमें डिजिटल बैंक लाइसेंस और नियामकीय व्यवस्था को लेकर रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। पेपर में कहा गया है कि डिजिटल बैंक उसी रूप में है, जैसा कि बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 (बी आर अधिनियम) में परिभाषित किया गया है।
इसमें कहा गया है, ”दूसरे शब्दों में ये संस्थाएं जमा प्राप्त करेंगी, ऋण देंगी और उन सभी सेवाओं की पेशकश करेंगी जिसका प्रावधान बैंकिंग नियमन अधिनियम में है। हालांकि नाम के मुताबिक डिजिटल बैंक मुख्य रूप से अपनी सेवाओं की पेशकश करने के लिए फिजिकल ब्रांच के बजाय इंटरनेट और अन्य संबंधित विकल्पों का उपयोग करेगा।”
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