
मणिपुर में आजादी के बाद पहली बार रेप व मर्डर के दोषी को फांसी की सजा
सुनाई गई है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मंगलवार को 4 साल की बच्ची की रेप के
बाद हत्या के दोषी 21 वर्षीय युवक को फांसी की सजा सुनाई। मामला 2015 का
है। कोर्ट ने आर.डेविड को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 व आईपीसी की धारा 302 के
तहत दोषी करार दिया।
पॉक्सो कोर्ट की स्पेशल जज ए.एन.नॉउतुनेश्वरी देवी ने
डेविड को दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद फांसी की सजा सुनाई। पुलिस
रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में मराम कवनाम गांव के पास 4 साल की मासूम की रेप
के बाद हत्या कर दी गई थी। माओ पुलिस थाने ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस
दर्ज किया था। दो दिन बाद पुलिस ने आरोपी आर.डेविड को गिरफ्तार भी कर लिया।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीणों को घटना के बारे में पता था लेकिन
उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की।
पीडि़ता के परिवार वालों को रुपए
पैसे देकर मुंह बंद रखने के लिए कहा गया। आरोपी ने मृतका का शव जमीन में
दफना दिया, जिसे पुलिस ने कब्र खोदकर निकाला। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव
का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद केस दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में
रेप के बाद पीडि़ता का गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। मामले पर
सुनवाई के दौरान 21 गवाहों को पेश किया गया।
5 जुलाई 2018 को आर.डेविड के
खिलाफ आरोप तय हुए। कोर्ट ने एनएएलएसए के तहत पीडि़ता की मां को 25 लाख
रुपए का मुआवजा देने का भी फैसला दिया। जज ने कहा कि कोई भी ऐसा कारण नहीं
है कि दोषी को कम सजा दी जाए, इसलिए उसे फांसी की सजा ही मिलनी चाहिए ताकि
समाज की आंखें खुले और इस तरह के बर्बर व घणित अपराधों को रोकने में मदद
मिले। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में मासूमों से रेप के
दोषियों को फांसी की सजा देने का कानून बनाया है।
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