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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और भाजपा एक बार फिर से आमने-सामने हो गए हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने चुनाव अभियान के लिए रथयात्रा निकालने का फैसला लिया है, लेकिन जिले स्तर पर अभी तक रथयात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। दूसरी ओर हाईकोर्ट में रथयात्रा के खिलाफ पीआईएल दायर हुई है।
वहीं बीजेपी ने साफ कहा है कि हाई कोर्ट ने पीआईएल पर कोई स्टे नहीं दिया है इसलिए वे रथयात्रा जरूर निकालेंगे। वहीं बीजेपी की एक टीम बंगाल सरकार की शिकायत लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलने पहुंची है। टीम में भूपेंद्र यादव, अर्जुन चटर्जी समेत 5 बड़े नेता शामिल हैं।
बीजेपी की प्रदेश इकाई ने ममता बनर्जी सरकार से रथ यात्रा निकालने की अनुमति मांगी थी। प्रदेश में बीजेपी के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी ने मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को लिखे एक पत्र में कहा कि बीजेपी फरवरी महीने की शुरुआत से रथ यात्रा के रूप में राज्य भर में पांच रैलियां करना चाहती है। पत्र में कहा गया कि राज्य की बीजेपी इकाई ने फरवरी और मार्च के महीने में यात्रा के रूप में राज्य भर में शांति पूर्ण तरीके से राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया है।
बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी की रथयात्रा रोकने के लिए हाई कोर्ट ने स्टे नहीं दिया है। स्टे नहीं होने से जिला प्रशासन रथयात्रा नहीं रोक सकता है। एक विपक्ष होने के नाते यह हम लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है। 6 फरवरी को नड्डा रथयात्रा का उद्घाटन करेंगे। 11 फरवरी को अमित शाह कूचबिहार की रथयात्रा में शामिल होने आएंगे।
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