सीबीआई (CBI) ने मंगलवार को कहा कि उसने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव बाद हिंसा के संबंध में अभी तक 51 मामले दर्ज किए हैं और जांच के चार महीनों के भीतर 20 मामलों में आरोपपत्र में 100 लोगों को नामजद किया है। एजेंसी ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata High court) ने चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म, दुष्कर्म की कोशिश और हत्या के मामलों की जांच करने का सीबीआई को आदेश दिया था।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने केवल इन मानदंडों को पूरा करते हुए मामले दर्ज किए। एक जनवरी 2022 तक सीबीआई ने करीब चार महीनों में 51 मामले दर्ज किए, 20 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए। 100 से अधिक लोगों को आरोपपत्र में नामजद किया गया है।’’ एजेंसी ने कहा, ‘‘सीबीआई को अभी तक एनएचआरसी से यौन अपराधों की 29 शिकायतें मिली थी इनमें से सात नियमित मामले दर्ज किए गए और बाकी की कानूनी प्रक्रिया चल रही है।’’

एजेंसी ने बताया कि एनएचआरसी द्वारा भेजे गए दो मामलों को एजेंसी ने राज्य के विशेष जांच दल को भेज दिया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस जांच दल का गठन किया है। जोशी ने कहा, ‘‘यह बताया जाता है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त 2021 को सीबीआई को हत्या, दुष्कर्म और दुष्कर्म की कोशिश के अपराधों की जांच करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने केवल इन मापदंडों का पालन करते हुए मामले दर्ज किए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि सीबीआई को 22 दिसंबर 2021 तक एनएचआरसी से यौन शोषण की 29 शिकायतें मिली। इनमें से सीबीआई ने अपराध की प्रकृति के आधार पर दो मामले राज्य एसआईटी को सौंप दिए।’’ उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य पुलिस ने भी सीबीआई को 64 घटनाओं की रिपोर्ट भेजी है। जोशी ने कहा, ‘‘इनमें से सीबीआई ने नियमित मामले दर्ज करते हुए 39 अपराध दर्ज किए, चार की प्रक्रिया चल रही है जबकि 21 मामले राज्य पुलिस/एसआईटी को भेज दिए गए हैं।’’

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय में 22 दिसंबर 2021 को स्थिति रिपोर्ट सौंपने के वक्त सीबीआई ने 50 नियमित मामले दर्ज किए थे और चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं में एक प्रारंभिक जांच की थी। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति रिपोर्ट देने के वक्त तक सीबीआई ने 10 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए थे जबकि बाकी के मामलों में प्रक्रिया चल रही है।’’