/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/09/02/dailynews-1630569676.jpg)
बंगाल में भाजपा और टीएमसी की जंग एक बार फिर जारी है। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी में हलचल नजर आई थी और उसके कई बड़े नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था लेकिन अब उलटी गंगा बह रही है।
यानी अब बड़े नेता भाजपा का दामन छोड़कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी पर भरोसा जता रहे हैं। इस बीच भाजपा विधायक सौमेन रॉय की टीएमसी में वापसी के कुछ ही दिनों बाद अब तृणमूल नेता मुकुल रॉय ने जो दावा किया है उससे भाजपा को जोरदार झटका लगने की उम्मीद है।
मुकुल रॉय ने जो दावा किया है कि आने वाले समय में कई भाजपा विधायक टीएमसी का दामन थामते नजर आयेंगे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के साथ काम करने की इच्छा रखने वाले 24 विधायक उनसे संपर्क साध रहे हैं। आगे रॉय ने कहा कि ऐसे विधायकों और नेताओं की लंबी कतार है जो टीएमसी पर भरोसा जता रहे हैं। यानी वे आने वाले दिनों में टीएमसी में शामिल होंगे।
यदि आपको याद हो तो इसी साल जून में खुद मुकुल रॉय ने भी भाजपा का साथ छोड़कर टीएमसी में वापसी की थी। उन्होंने चार साल पहले टीएमसी का साथ छोड़ भाजपा पर भरोसा जताया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्होंने एक बार फिर से ममता बनर्जी के नेतृत्व को स्वीकार करने का काम किया। बीते चार हफ्तों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो सौमेन रॉय, बिश्वजीत दास और तनमय घोष सहित चार भाजपा विधायक टीएमसी में शामिल हो चुके हैं।
यहां खास बात यह है कि इन सभी को मुकुल रॉय का करीबी माना जाता है। 2021 विधानसभा चुनावों से पहले मुकुल रॉय की वजह से ही ये सभी भाजपा में शामिल हुए थे। इधर पिछले चार महीने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार विधायकों के टीएमसी में वापसी पर पार्टी के कूच बिहार दक्षिण से विधायक निखिल रंजन डे ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल नेताओं को शामिल कर शीर्ष नेतृत्व ने भूल की।
क्या कहा निखिल रंजन डे ने : डे ने दावा किया कि यदि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल नेताओं को शामिल नहीं किया जाता तो पार्टी और बेहतर प्रदर्शन करती। डे ने कूच बिहार शहर में पत्रकारों से कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन तृणमूल नेताओं को पार्टी में लेकर भूल की है। वे कभी भी भाजपा की विचारधारा से नहीं जुड़े थे।
ये नेता भाजपा में शामिल हुए थे क्योंकि वे इस धारणा से प्रभावित थे कि पार्टी पश्चिम बंगाल में सत्ता में आएगी और हमारी पार्टी में उन्हें अधिक अहमियत भी दी गई। लेकिन अब वे पार्टी छोड़ रहे हैं।'' पूर्व भाजपा उपध्यक्ष एवं कुछ दिन पहले पार्टी के टिकट पर निर्वाचित मुकुल रॉय मई में तृणमूल में वापस चले गए। तीन अन्य भाजपा विधायकों ने भी उनका अनुसरण किया।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |