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लखमीपुर खीरी (Lakhmipur Kheri) की घटना के विरोध में, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोगों की जान चली गई, महाराष्ट्र सरकार (Maharastra government) ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।
हालांकि बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की अनुमति दी गई है। राकांपा, कांग्रेस (Congress) और शिवसेना (Shiv Sena) के सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) ने कहा कि यह दिखाने के लिए बंद का आह्वान किया गया है कि हमारा राज्य देश के किसानों के साथ है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ( MP Sanjay Raut) ने कहा था कि "हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhmipur Kheri) में किसानों की हत्या के विरोध में 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र के बंद (Maharashtra Bandh) में पूरी ताकत से भाग लेगी।" बंद को लेकर सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना करते हुए विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्यव्यापी बंद के आह्वान को धोखा करार दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के सहयोग से यह काम करवा रही है। फडणवीस ने कहा कि "महा विकास अघाड़ी सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक महाराष्ट्र में दो हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं।" राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने भी महाराष्ट्र बंद का विरोध किया।
MNS नेता अमेया खोपकर ने कहा कि सरकार को इन किसानों को एक दिन का वेतन देना चाहिए था या इसके बदले ओवरटाइम काम करना चाहिए था। ''नागरिकों को परेशान करना सही नहीं है क्योंकि लोग पहले ही लोकेशन से आहत हैं''
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