घर में अगर एक चूहा दिख जाए तो हमारी कोशिश उसे पकड़ने या फिर मारने की होती है, क्योंकि चूहों का काम ही हर चीज को बर्बाद करने का होता है। ऐसे क्या आप कभी ये भी सोच सकते हैं कि दुनिया एक चूहा ऐसा भी था, जिसे देखकर लोग उसे सलाम करते थे। उस छुटकू से चूहे ने अपनी ताकत से लाखों लोगों की जिंदगी बचाई। दरअसल उस चूहे का नाम मागवा था और वह दुनियाभर के लिए हीरो था। 

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मागवा ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश कम्बोडिया में बारूदी सुरंगों का पता लगाने का काम बड़ी जिम्मेदारी के साथ किया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लैंडमाइन की गंध को इंसान तो क्या कुत्ते भी नहीं पहचान पाते हैं। ऐसे में मागवा को इसके लिए ट्रेंड किया गया। उसने ड्यूटी के दौरान 71 लैंडमाइन्स और 38 जिंदा विस्फोटों का पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई थी। गौरतलब है कि बेल्जियम के एनजीओ APOPO की तरफ से चूहे मगावा को ट्रेनिंग दी गई थी। मागवा को बमों और बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए ट्रेन किया गया था। बताया जाता है कि चूहे मागवा ने अपने 5 साल के बम स्निफिंग करियर में 1.4 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन की पड़ताल की।

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मगावा को उसके ऐतिहासिक काम के लिए ब्रिटिश चैरिटी ने गोल्ड मैडल भी दिया था। ये जानवरों के लिए शीर्ष पुरस्कार है, जो उस वक्त तक सिर्फ कुत्तों के लिए आरक्षित था, लेकिन मागवा ने अपनी काबिलियत के दम पर इसे अपने नाम किया। बता दें, जब मगावा को साल 2016 में कम्बोडिया लाया गया था तो वह सिर्फ 2 साल का था। दक्षिणपूर्वी एशिया में स्थित कंबोडिया दुनिया के सबसे खतरनाक लैंडमाइन इलाकों के लिए जाना जाता है। यह विस्फोटक वियतनाम युद्ध और बीसवीं सदी के खूनी गृह युद्ध के दौरान बिछाई गई थीं, लेकिन तबसे इन्हें हटाया नहीं जा सका था और युद्ध खत्म होने के बाद भी कई लोगों की जाने जाती रहती थीं।