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भारत में बने कोरोना वायरस टीके को लेकर बड़ी खबर सामने आई है कि इसको बनाने के बाद 6 महीने के अंदर लगाना होगा। 6 माह की अवधि के बाद यह एक्सपायर हो जाएगा। भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लोगों को दिए जा रहे हैं। इन टीकों के उपयोग करने की समय सीमा 6 महीने है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ सुरेश जाधव ने कहा कि कंपनी ने पहले ही सरकार को 2 करोड़ डोज की आपूर्ति कर दी है। उन्हें एक्सपायरी डेट से पहले ही उपयोग करने की आवश्यकता है।
ऑक्सफोर्ड के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के अब तक बने टीके का सिर्फ 6 महीने का बहुत ही छोटा शेल्फ जीवन है। भंडारण में से अभी तक इन टीकों का एक हिस्सा ही खर्च किया गया है।
भारत में बने हुए टीकों को एक्सपायरी डेट से पहले लगाना चुनौतीपूर्ण है। सीरम इंस्टीट्यूट को अक्टूबर-नवंबर 2020 में सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई थी। अब तक सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा आपूर्ति की गई 2 करोड़ खुराक में से सरकार केवल 20 लाख खुराक का प्रबंधन करने में सफल रही है। सीरम इंस्टीट्यूट में 5.6 करोड़ का एक और स्टॉक है। इंस्टीट्यूट का हर महीने का उत्पादन औसत 5.6 करोड़ खुराक का है।
भारत में कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान का पहला चरण 16 जनवरी को शुरू हुआ। स्वास्थ्यकर्मियों और प्राथमिकता समूह वाले कर्मी पहले चरण के तहत टीका प्राप्त कर रहे हैं। अभी तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।
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