/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/06/11/a-1623392807.jpg)
सिक्किम में उत्पादित मदिरा को गैर कानूनी रूप से सिलीगुड़ी में मूल्य लगाकर बेचे जाने की खबरों को सिक्किम आबकारी विभाग ने अफवाह बताया है। राज्य में यह चर्चा पिछले काफी समय से है। कहा जा रहा है कि सिक्किम में उत्पादित मदिरा को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में अलग लेवल और मूल्य लगाकर बिक्री की जा रही है। आज इस विषय को लेकर सिक्किम आबकारी विभाग के सचिव कुवेर भंडारी से राजधानी गंगटोक के संवाददाता ने बात की। सचिव भंडारी ने जानकारी दी कि राज्य में निर्मित कोई भी मदिरा बिना लेवल के फ़ैक्टरी से बाहर नहीं जाएगी। इसकी देखरेख के लिए विभाग ने अधिकारियों को तैनात किया है।
इसके साथ ही प्रत्येक प्रोडक्शन में सिक्किम सरकार द्वारा मान्यता दी गई होलोग्राम और बैच नंबर के साथ मूल्य दर्ज होता है। उन्होंने कहा कि सिक्किम की मदिरा की गुणवत्ता में कमी आने नहीं दी गई है। उन्होंने कहा आबकारी विभाग ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में पारंपरिक मदिरा उत्पादकों को भी लाइसेंस प्रदान करने का कार्य आरंभ किया है। उल्लेखनीय है कि सिक्किम में दो द्वारा निर्मित जाड़, विभिन्न फलों के द्वारा निर्मित लोकल वाइन, मक्का, चावल आदि की मदिरा लोकप्रिय है। अब तक इन्हें सरकार के द्वारा लाइसिंस प्रदान नहीं किया गया था। गाव और शहरों में सास्कृतिक कार्यक्रम, वैवाहिक कार्यक्रम और प्राय: होम स्टे में यह पर्यटकों को परोसा जाता है।
सचिव के मुताविक राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न गावों में मदिरा दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि साल 2019 तक राज्य में केवल 866 लोगों को मदिरा बिक्री के लिए लाइसेंस दिया गया था। वर्ष 2019 के बाद इसमें बढोत्तरी कर एक हजार अधिक लोगों को लाइसेंस दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी की आबकारी विभाग के मंत्री राज्य के मुख्यमंत्री पीएस गोले स्वयं है। उन्होंने युवाओं को लाइसेंस देकर व्यापार में प्रोत्साहित किया है कहा।
उन्होंने जानकारी दी है कि राज्य सरकार माइक्रो वेवरेज तैयार करने की प्रयास में है। इसके माध्यम से राज्य कोष में बढ़ोत्तरी होगी। संवाददाता द्वारा सचिव भंडारी को कोविड-19 महामारी में विभाग को हुई घाटे के बारे में पुछा गया तो उन्होंने कहा कि साल 2021 में विभाग का लक्ष्य दो सौ करोड़ रुपये था जिसे पार कर 212 करोड़ हासिल किया गया। इसके साथ ही इस बार 2021-22 के लिए 280 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है। जिसे हासिल करने के लिए विभाग ने नई पहल शुरु की है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |