पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में सिक्किम फॉरेस्ट ट्री (एमिटी एंड रेवरेंस) नियम 2017 लोगों को औपचारिक रूप से एक पेड़ को गोद लेने और 'मितिनी' या 'मिथ' संबंध में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इस नियम के तहत कोई भी एक पेड़ को बच्चे के रूप में या परिवार के किसी सदस्य की याद में गोद ले सकता है। जो इस दुनिया में ना हो यानि जिसका निधन हो गया है। अब ऐसे ही नियम पर राजधानी दिल्ली का वन विभाग काम कर रहा है। जिसके तहत किसी संस्था या व्यक्ति को किसी पेड़ को गोद लेकर उसकी देखभाल करने का अधिकार होगा। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है और लोग पेड़ों के महत्व को लेकर जागरूक हैं, यह ध्यान में रखते हुए हम सिक्किम की तर्ज पर पेड़ गोद लेने की नीति लाने को इच्छुक हैं।

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उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य संरक्षण नीति को और लोगों तथा प्रकृति के बीच संबंध को मजबूत करना है। अधिकारी ने कहा कि कोई संस्था या व्यक्ति एक से अधिक पेड़ गोद ले सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग सर्वेक्षण करेगा और उन पेड़ों की पहचान करेगा जो बहुत पुराने हैं और जिन्हें देखरेख की जरूरत है और उनका डेटाबेस तैयार करेगा। अधिकारी ने बताया कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस, मार्केट एसोसिएशंस, स्कूल, कॉलेज, ईको क्लब, गैर सरकारी संगठनों को इन पेड़ों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जो व्यक्ति या संस्था इन पेड़ों को गोद लें उन्हें इस क्षेत्र का अनुभव भी हो।

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उल्लेखनीय है कि सिक्किम में, सिक्किम फॉरेस्ट ट्री (एमिटी एंड रेवरेंस) नियम 2017 लोगों को औपचारिक रूप से एक पेड़ को गोद लेने और 'मितिनी' या 'मिथ' संबंध में प्रवेश करने की अनुमति देता है, जिसका अनुवाद भाई-बहन के रूप में होता है। कोई भी एक पेड़ को बच्चे के रूप में या परिवार के किसी सदस्य की याद में गोद ले सकता है, जिसका निधन हो गया है।