/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2022/03/30/01-1648629903.jpg)
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने की उत्तर प्रदेश सरकार से सिफारिश की है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एसआईटी की सिफारिश के मद्देनजर राज्य सरकार से सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
ये भी पढ़ेंः शराब के साथ पकड़े जाने वालों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है सरकार, आज हो सकता है फैसला
शीर्ष अदालत इस मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को करेगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष को 10 फरवरी को जमानत दी थी। जमानत के खिलाफ पीड़ित किसानों के परिजनों और दो वकीलों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। लखीमपुर में कथित रूप से आशीष की कार से कुचलकर मारे गए किसानों के परिजनों की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने आशीष की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। मृतक किसानों के परिजनों का नेतृत्व कर रहे जगजीत सिंह की ओर से अधिवक्ता भूषण ने फरवरी में विशेष अनुमति याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने जमानत दिए जाने के लिए अपनाए गए मापदंडों को कानूनी प्रक्रिया एवं न्याय की अनदेखी करार दिया है। किसानों के परिजनों से कुछ दिन पहले अधिवक्ता सी एस पांडा और शिव कुमार त्रिपाठी ने भी जमानत के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।
ये भी पढ़ेंः पाकिस्तान में मचा हाहाकार, शांति दूत बनकर जा रहे सैनिकों की हो गई मौत
इन वकीलों की याचिका पर ही शीर्ष न्यायालय ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले साल तीन अक्टूबर को कथित रूप से आशीष की कार से कुचलकर चार किसानों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा कार चालक एवं एक पत्रकार की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद इस मामले में वकील पांडा एवं त्रिपाठी ने जनहित याचिका के साथ पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। तब अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |