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हरसिंगार (Harsingar) का औषधीय नाम निक्टेन्थिस आर्बर-ट्रिस्टिस (Nyctanthes arbor tristis) है। इसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। इसके सफेद फूल बहुत सुंगधित होते हैं। ये औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्ते, छाल और फूल गठिया से लेकर आंतों के कीड़े तक कई बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। हरसिंगार के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। ये गठिया, जोड़ों का दर्द और बुखार सहित विभिन्न रोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप पारिजात के पत्ते, छाल और फूल से काढ़ा बना सकते हैं। सर्दी, खांसी और साइनस के लिए इसे चाय की तरह पिएं।
इन बीमारियों में ऐसे करें प्रयोग
जोड़ों में दर्द
हरसिंगार (health benefits of Parijaat) के 6 से 7 पत्ते तोडकऱ इन्हें पीस लें। पीसने के बाद इस पेस्ट को पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि इसकी मात्रा आधी न हो जाए। अब इसे ठंडा करके प्रतिदिन सुबह खालीपेट पिएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से जोड़ों से संबंधित अन्य समस्याएं भी समाप्त हो जाएगी।
खांसी - खांसी हो या सूखी खांसी, हरसिंगार (health benefits of Harsingar) के पत्तों को पानी में उबालकर पीने से बिल्कुल खत्म की जा सकती है। आप चाहें तो इसे सामान्य चाय में उबालकर पी सकते हैं या फिर पीसकर शहद के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं।
बुखार - किसी भी प्रकार के बुखार में हरसिंगार की पत्तियों की चाय पीना बेहद लाभप्रद होता है। डेंगू से लेकर मलेरिया या फिर चिकनगुनिया तक, हर तरह के बूखार को खत्म करने की क्षमता इसमें होती है।
साइटिका - दो कप पानी में हरसिंगार के लगभग 8 से 10 पत्तों को धीमी आंच पर उबालें और आधा रह जाने पर इसे अंच से उतार लें। ठंडा हो जाने पर इसे सुबह शाम खाली पेट पिएं। एक सप्ताह में आप फर्क महसूस करेंगे।
बवासीर - हरसिंगार को बवासीर या पाइल्स के लिए बेहद उपयोगी औषधि माना गया है। इसके लिए हरसिंगार के बीज का सेवन या फिर उनका लेप बनाकर संबंधित स्थान पर लगाना फायदेमंद है।
त्वचा के लिए - हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं। इसके फूल का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा उजला और चमकदार हो जाता है।
हृदय रोग - हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है। इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने में कारगर है।
दर्द - हाथ-पैरों व मांसपेशियों में दर्द व खिंचाव होने पर हरसिंगार के पत्तों के रस में बराबर मात्रा में अदरक का रस मिलाकर पीने से फायदा होता है।
अस्थमा - सांस संबंधी रोगों में हरसिंगार की छाल का चूर्ण बनाकर पान के पत्ते में डालकर खाने से लाभ होता है। इसका प्रयोग सुबह और शाम को किया जा सकता है।
प्रतिरोधक क्षमता - हरसिंगार के पत्तों का रस या फिर इसकी चाय बनाकर नियमित रूप से पीने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर हर प्रकार के रोग से लडऩे में सक्षम होता है। इसके अलावा पेट में कीड़े होना, गंजापन, स्त्री रोगों में भी बेहद फायदेमंद है।
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