देश विदेश में एक बार फिर दहशत और चिंता का कारण बन रहा कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variants of Covid19) दूसरी लहर की भयावहता का कारण बने डेल्टा प्लस (Delta Plus Variants) से लगभग पांच गुना अधिक तेजी से फैलता है और यही चिंता का सबसे बड़ा कारण है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य की सभी क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी की ओर से दिए गए प्रस्तुतिकरण (प्रजेंटेशन) में यह बात उभरकर सामने आयी। 

अधिकारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (WHO) और अन्य अधिकृत संस्थाओं की ओर से ओमिक्रोन के संबंध में अब तक प्राप्त जानकारियों के हवाने से कहा कि अफ्रीका के एक देश में इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला 09 नवंबर को प्रकाश में आया है। इसके बाद यह तेजी से एक दर्जन से अधिक अफ्रीकी देशों के अलावा यूरोप के देशों में भी फैल चुका है। अधिकारी ने कहा कि अब तक जो जानकारियां सामने आयी हैं, उसके अनुसार यह वायरस डेल्टा प्लस (Delta Plus Variants) की तुलना में पांच गुना तेजी से फैलता है। हालांकि इस वायरस के संबंध में अभी आने वाले लगभग 15 दिनों में स्थितियां और साफ होने की संभावनाएं हैं। 

उन्होंने यह भी कहा कि आज तक इस वायरस के कारण भारत में किसी व्यक्ति के संक्रमित होने की जानकारी सामने नहीं आयी है, लेकिन इसको लेकर जो खबरें आ रही हैं, उसके मद्देनजर हम लोगों को अब कम से कम जनवरी फरवरी माह तक बेहद सतर्क और सजग रहना होगा। शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) के जरिए इस वायरस की उपस्थिति के प्रमाण प्रारंभिक तौर पर मिल जाते हैं और फिर जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के माध्यम से इसकी पुष्टि की जा सकती है। इसलिए अब राज्य में सभी 52 जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना की जांच के लिए एंटीजन की बजाए आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएं। वर्तमान में लगभग 50 हजार से टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ाकर 70 हजार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य से लेकर पंचायत स्तर पर विभिन्न क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों को फिर से सक्रिय कर कोरोना के ओमिक्रोन वायरस के खतरे से निपटने की पूरी तैयारियां की जाएं। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज भी सभी पात्र नागरिकों को लगाने का लक्ष्य इस माह के अंत तक हासिल कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि दोनों डोज लगवाने के बाद वायरस से संक्रमण की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को इतनी अधिक हानि नहीं पहुंचने की उम्मीद है। 

चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि इसके अलावा अब फिर से सभी को मॉस्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कोरोना संबंधी अन्य प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए। राज्य का पूरा प्रयास है कि लॉकडाउन जैसी स्थितियां अब फिर से नहीं बनें और हम नागरिकों के जीवन को बचा सकें। राज्य में कोरोना का पहला डोज लगभग 93 प्रतिशत नागरिकों को और दूसरा डोज 64 प्रतिशत नागरिकों (18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को) को लग चुका है। इंदौर, भोपाल और खंडवा जिले में इस दिशा में बेहतर कार्य हुआ है।