कश्मीर (Kashmir) में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। अब आतंकियों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जो सॉफ्ट टारगेट (Soft Target) हैं। घाटी में रह रहे हिंदू, कश्मीरी पंडित और बाहर से आए लोग ऐसे लोगों में शामिल हैं। इसी महीने आतंकी 11 आम नागरिकों की हत्या कर चुके हैं। इनमें 7 गैर-मुस्लिम हैं। अब घाटी के लोगों में डर बैठ गया है और वो पलायन को मजबूर हैं। इन हालातों से ऐसा लग रहा है कि एकबार घाटी में 90 का दशक लौट आया है। ये वो दौर था तब गैर मुस्लिमों खासकर कश्मीरी पंडितों को रातों-रात घाटी से निकलना पड़ा था।


यह भी पढ़ें— सिर्फ बिस्तर पर सोने की नौकरी दे रही ये कंपनी, सैलरी 25 लाख रुपये, यहां करें आवेदन


सरकार ने बताया था कि घाटी में 1989 से 2004 के बीच 219 कश्मीरी पंडितों की हत्या (Kashmiri Pandits murder) की गई। जम्मू-कश्मीर सरकार के माइग्रेंट रिलीफ पोर्टल के मुताबिक, घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ने के बाद 60 हजार से ज्यादा परिवारों ने पलायन किया था। इनमें से 44 हजार परिवारों ने राज्य के राहत-पुनर्वास आयुक्त में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इन 44 हजार परिवारों में 40 हजार 142 हिंदू परिवार, 2 हजार 684 मुस्लिम परिवार और 1 हजार 730 सिख परिवार शामिल हैं।

कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) से एक बार फिर से वही पलायन का दौर शुरू हो गया है। कश्मीरी पंडित जिन्हें प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी दी गई थी, वो जम्मू लौट रहे हैं।