कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र, बसवराज बोम्मई सरकार में कैबिनेट बर्थ से बाहर हो गये। विजयेंद्र पर सुपर मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया गया था कि कथित तौर पर वह अपने पिता के लिए सब कुछ तय कर रहे थे। सूत्रों ने कहा कि यह उस पार्टी की छवि के लिए हानिकारक होगा जो येदियुरप्पा के साये से आगे बढऩा चाहती है।

सूत्रों ने कहा कि येदियुरप्पा को पद छोडऩे के लिए राजी करने के समय पार्टी ने विजयेंद्र को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश की थी। हालांकि, येदियुरप्पा ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। बदले में उन्होंने विजयेंद्र को राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का एक निरर्थक प्रयास किया, जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया। सूत्रों का कहना है, अपने इस्तीफे के बाद येदियुरप्पा ने अपना विचार बदल दिया और अपने बेटे के लिए मंत्री पद की मांग रखी। हालांकि, शीर्ष नेताओं ने इसके खिलाफ फैसला किया।

यह भी पता चला है कि नए मंत्रियों की सूची की घोषणा को लेकर अंतिम समय में असमंजस की स्थिति थी। येदियुरप्पा, पार्टी के फैसले के बारे में जानने के बाद परेशान थे और शीर्ष नेताओं को उन्हें शांत करने के लिए व्यक्तिगत रूप से फोन करना पड़ा। मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने येदियुरप्पा को संदेश दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से अंतिम समय में विजयेंद्र को टिकट से वंचित कर दिया गया था। बाद में उन्हें प्रदेश पार्टी उपाध्यक्ष का पद दिया गया।