बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के पाली हिल स्थित दफ्तर को तोड़े जाने संबंधित मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बीएमसी को जमकर फटकार लगाई है। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक कंगना के दफ्तर में हुए नुकसान का मूल्यांकन किया जाएगा। 

कोर्ट ने साफ कहा है कि कंगना द्वारा तोडफ़ोड़ में हुए नुकसान के बयान का वह समर्थन नहीं करता है। कोर्ट ने कहा कि कंगना को उन्हें सोच समझ कर बोलना चाहिए, लेकिन बेहतर तरीका यही है कि ऐसे बयानों को नजरअंदाज किया जाए। कोर्ट ने कहा कि राज्य की ओर से समाज पर बाहुबल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने तस्वीरों और अन्य सामग्रियों का विश्लेषण किया जिनमें संजय राउत धमकी दे रहे हैं। इमारत को 40 प्रतिशत तक तोड़ा जाना और सामना द्वारा छापी गई हेडलाइन ‘उखाड़ दिया ’ पर गौर किया।

कोर्ट ने माना कि ये सभी चीजें कंगना को धमकाने के मकसद से की गईं और बीएमसी की मंशा ठीक नहीं थी। दिया गया नोटिस और की गई तोडफ़ोड़ असल में कंगना को धमकाने के लिए थी। कोर्ट ने कहा कि कंगना को हर्जाना दिए जाने के लिए दफ्तर में हुई तोडफ़ोड़ का मूल्यांकन किया जाए और इस मूल्यांकन की जानकारी कंगना और बीएमसी दोनों को होनी चाहिए।